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नई दिल्ली: एक बार फिर ज्योतिष द्वारा की गई भविष्यवाणी (Prediction) की खबर सच साबित हुई, जिसे Zee न्यूज़ ने कुछ दिन पहले प्रकाशित की थी. Zee न्यूज़ ने 4 अप्रैल, 2021 को अपनी खबर में 5 अप्रैल को बृहस्पति ग्रह के राशि परिवर्तन (Jupiter Transit) करने के बाद देश में चक्रवाती तूफान, भूकंप जैसी आपदाएं आने की भविष्यवाणी की थी. साथ ही देश के किसी हिस्से में अशांति होने की भी ज्योतिषीय चेतावनी दी थी. 5 अप्रैल के बाद देश के कई राज्यों में भूकंप के झटके लगे, हाल ही में चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae) टकराया. वहीं पश्चिम बंगाल में चुनाव (West Bengal election) के दौरान और चुनाव के बाद भारी हिंसा (Violence) हुई.
Zee न्यूज़ ने उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी की ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर देश में होने जा रही उठा-पटक, आपदा को लेकर भविष्यवाणिओं की खबर प्रकाशित की थी, जो कि सच साबित हुई. पिछले 3 दिन की ही बात करें तो मणिपुर में (Manipur) में भूकंप के झटके लगे. इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.3 मापी गई. इससे पहले बीते 28 अप्रैल को असम समेत पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके लगे. यहां एक के बाद एक भूकंप के 7 झटके लगे थे. इसी तरह देश में चक्रवाती तूफान तौकते ने भी कई राज्यों को प्रभावित किया. कल गोवा में तेज बारिश और आंधी ने कई पेड़ उखाड़ दिए, इससे यहां बिजली आपूर्ति बाधित हुई.
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हिंसा या अशांति को लेकर बात करें तो यह भविष्यवाणी भी सच साबित हुई. पश्चिम बंगाल के चुनावों के दौरान जमकर हिंसा हुई. वैसे तो इस राज्य में चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है, लेकिन इस बार तो नतीजे आने के बाद भी जमकर हिंसा हुई. इस हिंसा में करीब दर्जन भर लोगों की जान चली गई.
ज्योतिष की दृष्टि से बृहस्पति का गोचर यानी राशि परिवर्तन करना एक बड़ा परिवर्तन माना जाता है क्योंकि शनि, राहु और केतु के बाद बृहस्पति ही ऐसा ग्रह है जो एक ही राशि में सबसे ज्यादा समय तक रहता है. सबसे बड़े ग्रह देवगुरु बृहस्पति ने 5 अप्रैल की सुबह 5 बजे सूर्योदय से पहले अपनी राशि परिवर्तित (Brihaspati Rashi change) की थी. बृहस्पति ने शनिदेव की पहली राशि मकर (Capricorn) से निकलकर शनिदेव की ही दूसरी राशि कुंभ (Aquarius) में प्रवेश किया था.
गुरु के राशि परिवर्तन का सभी लोगों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई असर जरूर होता है. इसी तरह देश के लिए भी यह कई परिवर्तनों का कारण बनता है. स्वतंत्र भारत की कुंडली कर्क राशि और वृष लग्न की है, इसलिए देवगुरु षष्ठ भाव और भाग्य भाव के स्वामी होकर अष्टम भाव में विद्यमान रहेंगे. इस दौरान देश के अंदर ही कुछ जगहों पर अशांति होने के आसार रहने की बात कही गई थी. वहीं राहु की दृष्टि शनि पर पड़ने के कारण प्राकृतिक आपदा, बाढ़, भूकंप, आग से क्षति, भूस्खलन, चक्रवात, जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका जताई गई थी.
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी की ज्योतिषीय गणनाएं पहले भी सच साबित हो चुकी हैं. जैसे- केदारनाथ की त्रासदी, नेपाल के भूकंप, राम मंदिर के संबंध में कोर्ट के निर्णय एवं निर्माण संबंधी भविष्यवाणी आदि.