खगोलीय घटनाएं हमेशा आकर्षण का केंद्र रही हैं, कुछ घटनाएं वैसे तो सीधे तौर पर धरती को प्रभावित नहीं कर पाती हैं लेकिन कुछ घटनाओं का असर धरती पर सीधे तौर पर दिखाई देता है, महाराष्ट्र की लोनार झील उदाहरण है. हालांकि बात यहां धूमकेतु 12 पी पोंस ब्रुक्स की हो रही है जिसमें विस्फोट हुआ और वो धरती की तरफ तेजी से आ रहा है.
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स्पेस में हलचल बढ़ गई है. हर एक दिन अलग अलग तरह की घटनाएं हो रही हैं. उनमें से एक है धूमकेतू 12 पी/ पोंस ब्रूक्स जो पिछले चार महीने में दूसरी बार फटा है. इस धूमकेतु की ऊंचाई जान आप दंग रह जाएंगे. जैसा कि हम सब जानते हैं कि धरती पर सबसे अधिक ऊंचाई माउंट एवरेस्ट की है जो 8, 848 मीटर ऊंचा है और इस धूमकेतु की उंचाई तीन गुनी है. इसे ठंडा ज्वालामुखी कहा जाता है. अगर इसके आकार की बात करें तो डायमीटर करीब 30 किमी है.
5 अक्टूबर को हुआ था विस्फोट
बीते पांच अक्टूबर को इसमें महाविस्फोट हुआ. इससे पहले जुलाई के महीने में इसमें महाविस्फोट हुआ था. ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन इस पर खास नजर रख रहा है. 12 पी के केंद्र के करीब जब विस्फोट हुआ तो धूल के बादल का आवरण चारों तरफ फैल गया ऐसा लग रहा था कि धूमकेतु में सींग का निर्माण हो गया हो. इस विस्फोट की वजह से अंतरिक्ष में धूल की वजह से दूसरे खगोलीय पिंडों पर असर पड़ा है उसके बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है ताकि उससे होने वाले नुकसान के बारे में पता चल सके.
फॉल्कन की तरह नजर आया 12 पी
जानकार बताते हैं कि 12 पी कोमा का अनियमित आकार फाल्कन जैसा नजर आने लगा, अभी फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि पांच अक्टूबर को जो विस्फोट हुआ था उसकी तीव्रता कितनी थी. लेकिन बीएए का मानना है कि विस्फोट की तीव्रता कई गुणा अधिक थी और धूमकेतु के कोमा का आकार सिकुड़ गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि छोटे धूमकेतु जब धरती की तरफ बढ़ते हैं तो वातावरण की घर्षण की वजह से ज्यादातर हिस्सा जल जाता है. जहां तक 12 पी की बात है तो निश्चित तौर पर खतरा बड़ा है.