Triple Conjunction: आसमान में नजर आएगा Mercury, Jupiter और Saturn की तिकड़ी का अद्भुत नजारा
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Triple Conjunction: आसमान में नजर आएगा Mercury, Jupiter और Saturn की तिकड़ी का अद्भुत नजारा

आज यानी कि 9 जनवरी और कल, 10 जनवरी की रात बृहस्पति (Jupiter), शनि (Saturn) और बुध ग्रह (Mercury Planet) एक साथ नजर आने वाले हैं. यह अद्भूत नजारा शाम को 6 बजे के बाद दिखाई देगा.

तीन ग्रह दिखेंगे एक साथ

नई दिल्ली: हाल ही में आसमान में दो ग्रहों का अद्भुत नजारा (Great Conjunction) देखने को मिला था. ऐसा ही अद्भुत नजारा एक बार फिर देखने को मिलेगा. आज यानी कि 9 जनवरी और कल, 10 जनवरी की रात बृहस्पति (Jupiter) और शनि (Saturn) ग्रह के साथ बुध ग्रह (Mercury Planet) भी दिखाई देगा. पहले दो ग्रहों के कंजंक्शन के साथ अब तीसरा ग्रह बुध भी इसमें शामिल होने वाला है.

  1. आसमान में दिखने वाला है अद्भुत नजारा
  2. तीन ग्रह दिखेंगे एक साथ
  3. बुध-बृहस्पति-शनि ग्रहों की दिखेगी तिकड़ी

दुर्लभ नजारे से चमकेगा आसमान

9 जनवरी और 10 जनवरी 2021 को आसमान में यह दुलर्भ नजारा देखने को मिलेगा. इसमें शनि (Saturn), बृहस्पति (Jupiter) और बुध ग्रह (Mercury) त्रिकोण बनाते हुए नजर आएंगे. ये तीनों ग्रह चार दिन तक एक-दूसरे के काफी नजदीक दिखाई देंगे और 10 जनवरी के बाद दूर होते जाएंगे.

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सूर्यास्त के बाद दिखेगा नजारा

दिसंबर 2020 में शनि (Saturn) और बृहस्पति (Jupiter) ग्रह काफी नदजीक आए थे. इसे द ग्रेट कंजंक्शन (The Great Conjunction) कहा गया था. सैकड़ों साल बाद ये दोनों ग्रह इतने पास नजर आए थे. यह नजारा फिर दिखेगा. बता दें, बुध को सुरज के चक्कर लगाने में महज 88 दिन लगते हैं.

खगोल वैज्ञानिकों (Astrophysicists) का कहना है कि पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में इसे आसानी से देखा जा सकेगा. 9 और 10 जनवरी को तीनों ग्रहों के सटीक त्रिकोण को सूर्यास्त के कुछ देर बाद साफ-साफ देखा जा सकेगा.

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धरती के पास से गुजरे थे 5 उल्कापिंड

पिछले साल कई खगोलीय घटनाएं (Astronomical Events) हुई थीं. 2021 का हाल भी कुछ वैसा ही है. 6 जनवरी 2021 को धरती के पास से करीब 5 उल्कापिंड गुजरे थे. ये उल्कापिंड पेरिस के एफिल टॉवर (Eiffel Tower) और मिस्र के पिरामिड (Pyramid of Egypt) से भी ज्यादा विशाल थे.

उल्कापिंड ऐसे आकाशय पिंडों को कहा जाता है, जो स्वतंत्र रूप से ब्रह्मांड में घूमते रहते हैं. ये कभी धरती की कक्षा में आ जाते हैं तो कभी किसी दूसरे ग्रह की कक्षा में चले जाते हैं. यदि उल्कापिंड ज्यादा विशाल होता है तो धरती पर तबाही भी ला सकता है.

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