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नई दिल्ली : पिछले सप्ताह धरती के पास से रेफ्रिजरेटर के आकार का एक एस्टेरॉयड (Asteroid) धरती से टकराते-टकराते बचा. किसी भी वैज्ञानिक या खगोलविद को इसके आने की जानकारी नहीं थी. गुजरने के कई घंटों बाद खगोलविदों को पता चला. किसी को अंदाजा नहीं था कि ये asteroid धरती के इतने पास से गुजरेगा.
सीएनईटी की खबर के मुताबिक. 24 अक्टूबर को ये ग्रह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरा. राहत की बात ये है कि ये पृथ्वी से 1,800 मील यानी (3,000 किलोमीटर) की दूरी से अंटार्कटिका के ऊपर से चला गया. हालांकि अंतरिक्ष में लाखों मील की दूरी भी बहुत ज्यादा नहीं होती. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यदि ये धरती से टकराता या जहां भी गिरता तो वहां तबाही निश्चित थी.
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CNET के अनुसार, वैज्ञानिक इस एस्टेरॉयड से अनजान थे, उनके मुताबिक, इसका एस्टेरॉयड का नाम 2021 UA1 है. सीएनईटी ने ये भी बताया कि अगर यह पृथ्वी से टकराया होता, तो इसका अधिकांश चट्टानी पिंड जमीन से टकराने से पहले ही वायुमंडल में जल जाता.
नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के अनुसार, धूमकेतु और एस्टेरॉयड 194.5 मिलियन किलोमीटर के भीतर पृथ्वी के निकट आते हैं, उन्हें निकट-पृथ्वी वस्तुओं (NEO) के रूप में जाना जाता है. NEO को खोजने और उनकी निगरानी करने के लिए NASA जमीन पर और अंतरिक्ष में दूरबीनों का उपयोग करता है.
नासा का कहना है कि इन NEO की कक्षाओं को ट्रैक करने और उनके आकार और संरचना की पहचान करने और संभावित खतरनाक वस्तुओं को इंगित करने के लिए भी दूरबीन का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही किसी वस्तु को खतरनाक तब माना जाता है जब उसका कम से कम 460 फीट (140 मीटर) व्यास का हो.
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