Ancient Creature: चीन में मिले एक प्राचीन जीव के जीवाश्म पर हुए शोध में पहले कहा गया था कि यह इंसानों का पूर्वज हो सकता है. हालांकि, नए स्टडी ने इस बात को खारिज कर दिया गया है.
Trending Photos
Weird Creature: चीन में 54 करोड़ साल पुराने एक जीव के जीवाश्म पर स्टडी की गई थी. हैरानी की बात यह है कि यह जीव बिल्कुल अलग था. इसका पिछला हिस्सा ही नहीं था, जहां से वह मल का त्याग कर सकता था. इसका नाम 'Angry Minion' रखा गया है. अब नेचर में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, यह पता चला है कि यह जीव इंसानों का पूर्वज नहीं है.
ड्यूटेरोस्टोम प्रजाति का सदस्य
'डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में पहले जब शोध किया गया था, तब यह बात कही गई थी कि सैकोरहाइटस कोरोनरियस नामक 54 करोड़ वर्ष पुराना सूक्ष्म जीवाश्म ड्यूटेरोस्टोम प्रजाति का पहला ज्ञात सदस्य था. जानवरों का एक समूह जो हमारे जैसे कशेरुकी जीवों से संबंधित है. ऐसे में माना गया था कि यह इंसानों का पूर्वज हो सकता है.
Weird Creature With No Butt May Not Be Our Ancient Ancestor After All https://t.co/wWxiBnFJ7E
— ScienceAlert (@ScienceAlert) August 17, 2022
आर्थ्रोपोड प्रजाति का है हिस्सा
हालांकि, अब शोधकर्ता का कहना है कि चीन का यह छोटा प्राणी आर्थ्रोपोड के समान विकासवादी समूह का हिस्सा है, जिसमें कीड़े और क्रस्टेशियन शामिल हैं. ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और स्टडी के सह-लेखक फिलिप डोनोग्यू का कहना है कि पहले छपे शोध में यह सुझाव दिया गया था कि सैकोरहाइटस हमारे अपने विकासवादी वंश का प्रारंभिक सदस्य था. जानवरों का एक समूह जिसे ड्यूटेरोस्टोम कहा जाता है.
3D मॉडल से की गई पहचान
उन्होंने कहा कि लेकिन हमारे पास ऐसे नमूने थे, जिन्हें बेहतर ढंग से संरक्षित किया गया था, इसलिए हमें तुरंत पता चल गया कि पहले के शोध में इसे गलत बताया गया है. शोधकर्ताओं ने अब इस प्राणी के 3D मॉडल बनाने के लिए सैकड़ों एक्स-रे तस्वीरों और शक्तिशाली कंप्यूटरों का उपयोग किया, जिससे उन्हें इसकी सूक्ष्म विशेषताओं को बेहतर समझने में मदद मिली.
एक मिलीमीटर है आकार
डोनोग्यू ने कहा कि सैकोरहाइटस केवल एक मिलीमीटर आकार का होता है और यह एक छोटी झुर्रीदार गेंद की तरह दिखता है, जिसके चारों ओर कांटों का गुच्छा होता है और इसके चारों ओर दांतों के छल्ले होते हैं. मैं इसे एक Angry Minion के रूप में वर्णित करना पसंद करता हूं.
पहले छेदों को कहा गया था गलफड़ा
इसके मुंह के चारों ओर के छिद्रों की व्याख्या पहले गलफड़ों के छिद्रों के रूप में की गई थी. हालांकि, करीब से विश्लेषण से पता चला कि छेद वास्तव में रीढ़ की हड्डी के आधार थे, जो जीवाश्मों के संरक्षण के दौरान टूट गए थे. वर्जीनिया टेक कॉलेज ऑफ साइंस के भूविज्ञान विभाग के एक पालीबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर शुहाई जिओ ने कहा कि हम माध्यमिक मुंह वाले सबसे पुराने जानवर की तलाश में वापस आ गए हैं.
मुंह से ही करता है सब काम
हालांकि, वैज्ञानिक अब मानते हैं कि सैकोरहाइटस वास्तव में एक इक्डीसोज़ोन है, एक समूह जिसमें आर्थ्रोपोड और नेमाटोड होते हैं. यूटेरोस्टोम के भ्रूण में मल त्याग करने के लिए पहले एक जगह बनी होती है, जो बाद मुंह बन जाता है. जबकि, सैकोरहाइटस में एक छेद होता है, जो दोनों ही रूप में कार्य करता है.
ये खबर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर