Blood Glacier: अंटार्कटिका में दिखा खून झरना! रहस्य सुलझाने में वैज्ञानिकों के छूटे पसीने
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Blood Glacier: अंटार्कटिका में दिखा खून झरना! रहस्य सुलझाने में वैज्ञानिकों के छूटे पसीने

Antarctica Blood Glacier: वैज्ञानिकों को पूर्वी अंटार्कटिका के एक ग्लेशियर से निकल रहे लाल रंग के पानी ने काफी हैरान कर रखा है. पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड में एक ऐसा झरना मौजूद है जो खून के जैसे पानी उगल रहा है.

 

फाइल फोटो

Red Salt Waterfall Glacier in Antarctica: दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिनको सुलझाने के लिए वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं. जीवन की उत्पति को लेकर होने वाला शोध हमेशा से वैज्ञानिकों का सबसे पसंदीदा विषय रहा है. इसी जीवन की उत्पत्ति को लेकर कभी नासा का जेम्स बेव टेलीस्कोप स्पेस में घूमता है तो कभी हबल टेलीस्कोप स्पेस में यंग तारों की तस्वीर लेता है लेकिन इस बार कुछ रिसर्चर इसे धरती पर ही तलाश रहे हैं. पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड में वैज्ञानिकों ने एक जगह देखी जहां खून का झरना बहता हुआ दिखाई दिया.

क्या है झरने की खासियत?

अंटार्कटिका में ये झरना कई दशकों से बह रहा है लेकिन जिस वक्त वैज्ञानिकों को ये मिला था इसे देखते ही सभी लोग हैरान रह गए थे. वैज्ञानिकों ने इसके एक सैंपल की जांच की तो पता चला कि इस लाल पानी का स्वाद नमकीन है लेकिन ये देखने में बिलकुल खून के जैसा है. कुछ रिसर्च का मानना है कि इस ग्लेशियर के नीचे जीवन मौजूद हो सकता है. आपको बता दें कि इस ग्लेशियर को विक्टोरिया लैंड में टेलर ग्लेशियर के पास खोजा गया है जो कि बेहद ही खतरनाक जगह है.

कैसे मिला था ये झरना?

आपको बता दें कि इस ब्लड फॉल (Blood Falls) को 1911 में अमरीकी जीव विज्ञानी ग्रिफिथ टॉयलर ने खोजा था. ये झरना किसी पांच मंजिला इमारत जितना ऊंचा है. इस झरने के लाल रंग के पीछे कई कारण दिए जाते हैं. सबसे पहली थ्योरी के अनुसार रिसर्चर का मानना था कि ग्लेशियर के नीचे बहने वाली झील बर्फ के रूप में बदल गई और ग्लेशियर में दरार पड़ने से पानी का फ्लो बाहर आने लगा. इसके साथ पानी में मौजूद आयरन ऑक्साइड हवा के संपर्क में आने के बाद लाल रंग का हो गया जिससे इसके पानी का रंग खून के जैसा दिखने लगा.

 2009 में रिसर्चर ने माना कि ग्लेशियर के नीचे मौजूद सूक्ष्मजीवों की वजह से इसका पानी लाल है. कुछ रिसर्चर मानते हैं कि यहां पाए जाने वाले बैक्टीरिया बिना फोटोसिंथेसिस के ही अपना जीवन जी रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जगह का तापमान -7 डिग्री सेल्सियस है और यहां पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव सबग्लेशियल इकोसिस्टम के बैक्टीरिया हैं.

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