Free-Space Quantum Communication: ISRO की ऐतिहासिक सफलता! फ्री-स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन का सफल परीक्षण, अब नहीं हो सकेगी हैकिंग
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Free-Space Quantum Communication: ISRO की ऐतिहासिक सफलता! फ्री-स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन का सफल परीक्षण, अब नहीं हो सकेगी हैकिंग

Free-Space Quantum Communication: इसरो ने फ्री-स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन का सफल परीक्षण किया है. इसे ‘क्वांटम क्रिप्टोग्राफी’ भी कहा जाता है जिसमें संदेशों को प्रकाश कणों में तब्दील कर इस तरह सुरक्षित तरीके से भेजा जाता है कि इन्हें कोई हैक नहीं कर सकता. 

Free-Space Quantum Communication

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश में पहली बार एक ऐसी जबरदस्त तकनीक का प्रदर्शन किया है, जिससे अब संदेश भेजना बेहद सुरक्षित है. इसरो ने 300 मीटर के दायरे में फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन (Free-Space Quantum Communication) का सफल परीक्षण किया है. ये परिक्षण कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण है. इस परीक्षण के जरिए इसरो ने एक तरह से प्रकाश कणों के जरिए संदेशों को बेहद सुरक्षित ढंग से भेजने में विशेषज्ञता प्राप्त कर ली है.

  1. ISRO की ऐतिहासिक सफलता
  2. फ्री-स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन का सफल परीक्षण
  3. अब नहीं हो सकेगी डाटा की हैकिंग
  4.  

क्वांटम क्रिप्टोग्राफी

इसरो ने फ्री-स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन का सफल परीक्षण किया है. इसे ‘क्वांटम क्रिप्टोग्राफी’ भी कहा जाता है जिसमें संदेशों को प्रकाश कणों में तब्दील कर इस तरह सुरक्षित तरीके से भेजा जाता है कि इन्हें कोई हैक नहीं कर सकता. 

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इसरो की ऐतिहासिक सफलता 

ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करने के बाद इसरो ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी में क्वांटम-की-एनक्रिप्टेड सिग्नल के जरिये वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई. इस टेक्नोलॉजी की मदद से सेटेलाइट डाटा कम्युनिकेशन अति सुरक्षित हो सकेगा. पारंपरिक क्रिप्टोसिस्टम में गणित के एल्गोरिदम के आधार पर डाटा एनक्रिप्शन होता है, जबकि क्वांटम कम्युनिकेशन में फिजिक्स के नियमों के आधार पर डाटा सिक्योरिटी सुनिश्चित होती है.

फ्यूचर प्रूफ

इसरो ने बताया कि क्वांटम क्रिप्टोग्राफी को 'फ्यूचर प्रूफ' भी कहा जाता है, क्योंकि भविष्य में कंप्यूटर के क्षेत्र में विकसित होने वाली कोई भी नई व्यवस्था क्वांटम क्रिप्टोसिस्टम को तोड़ने में सक्षम नहीं हो पाएगी.

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डाटा कम्युनिकेशन सुरक्षित

क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन के जरिये संदेश, फोटो या वीडियो प्रकाश कण में डाल कर एक जगह से दूसरी जगह विशेष ट्रांसमीटर के माध्यम से भेजा जाता है, जिसे खास तरह का रिसीवर ही प्राप्त कर सकता है. बेंगलुरु स्थित स्पेस एजेंसी मुख्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि क्वांटम तकनीक के इस्तेमाल से सैटेलाइट डाटा कम्युनिकेशन को सुरक्षित करने में बहुत बड़ी कामयाबी मिली है.

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