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नई दिल्ली: जापान (Japan) ने लकड़ी के बने सैटेलाइट (Satellite) पर काम करना शुरू कर दिया है. जिसके वजह से धरती के चक्कर काट रहे 5 लाख से ज्यादा मलबे के टुकड़े को और बढ़ने से रोका जा सकता है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा मलबे धरती का चक्कर काट रहे हैं. ये इतनी तेजी से धूम रहे हैं कि सैटेलाइट्स या स्पेसक्राफ्ट तक को नुकसान पहुंच सकता है. मलबे के इन टुकड़ों की वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International space station) को भी खतरा है.
जापान के ऐस्ट्रोनॉट और यूनिवर्सिटी प्रफेसर तकाओ दोई ने इसे चिंता का विषय बताया है. इस पर जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और कंस्ट्रक्शन कंपनी Sumitomo Forestry साल 2023 तक इस समस्या का समाधान निकालने के लिए साथ आए हैं. उन्होंने बताया है कि सैटेलाइट धरती में वापस आते वक्त जल जाती हैं और उनका मलबा सालों तक वायुमंडल में घूमता रहता है. इससे पर्यावरण पर असर पड़ता है. NASA के मुताबिक ये टुकड़े 17,500 मील प्रतिघंटा की रफ्तार तक हासिल करते हैं.
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जापान ने इसका समाधान निकालने के लिए लकड़ी से बने सैटलाइट्स पर काम करना शुरू किया है. ये सैटेलाइट्स तापमान में होने वाले बदलाव और सूरज की रोशनी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता से लैस होंगे. ये अपनी तरह का पहला ऐसा प्रॉजेक्ट है. इसके लिए धरती की विषम परिस्थितियों में लकड़ी को टेस्ट किया जा रहा है. धरती में आने के दौरान ये जल जाएंगी और कोई मलबा बाकी नहीं रह जएगा. इससे अंतरिक्ष में मलबा नहीं जमेगा.
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