Space Station Batteries: इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्‍टेशन से धरती पर गिर रही है 3 टन वजनी बैट्री, जानें क्‍या है NASA की तैयारी
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Space Station Batteries: इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्‍टेशन से धरती पर गिर रही है 3 टन वजनी बैट्री, जानें क्‍या है NASA की तैयारी

Space Station Batteries On Earth: इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से करीब तीन टन वजनी बैट्री धरती पर ग‍िर रही है. इस बैट्री को स्‍पेस स्‍टेशन से अब सेवा में हटा द‍िया गया है. इनकी जगह पर अब नई बैट्रियों को स्‍पेस स्‍टेशन में लगाया गया है. जानिए नासा ने इसके लिए क्या तैयारी की है. 

Space Station Batteries

नई दिल्ली: अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन (ISS) से 2.9 टन वजनी बैट्री लगभग 426 किलोमीटर की ऊंचाई से धरती पर गिर रही है. इस बैट्री का इस्‍तेमाल अंतरिक्ष स्‍टेशन को रोशन करने के लिए किया जाता था. हालांकि यह बैट्री अब पुरानी हो गई है और उसे धरती पर भेजा जा रहा है. इस बैट्री को स्‍पेस स्‍टेशन के विशाल रोबॉटिक भुजा से जोड़ा गया था. इसी की मदद से अब बैट्री को धरती की ओर भेजा गया है.

  1. अंतरिक्ष स्‍टेशन से ग‍िर रही है 3 टन वजनी बैट्री
  2. इस बैट्री का इस्‍तेमाल अंतरिक्ष स्‍टेशन को रोशन करने के लिए किया जाता था
  3. यह बैट्री अब पुरानी हो गई है और उसे धरती पर भेजा जा रहा है

कभी भी धरती से टकरा सकती है बैट्री

अगर ये जानने के बाद आप सोच रहे हैं कि यह विशालकाय बैट्री कभी भी धरती से टकरा सकती है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. आप जानकर दंग रह जाएंगे कि इन बैट्रियों को धरती की न‍िचली कक्षा में पहुंचने में दो से 4 साल लग जाएंगे जहां अंतरिक्ष में और कचड़ा तैर रहा है. इसके बाद यह बैट्री धीरे-धीरे धरती की कक्षा में पहुंचेगी और स्वतः नष्‍ट हो जाएगी. इन बैट्रियों को ऐसे समय पर अलग किया गया है जब नासा ने स्‍पेस स्‍टेशन की बैट्रियों को बदल दिया है.

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सबसे बड़ा स्‍पेस ऑब्‍जेक्‍ट आईएसएस से भेजा गया

बैट्रियों को बदलने की ये प्रकिया 2016 में शुरू हुई थी और इस दौरान 48 निकेल हाइड्रोजन से बनी बैट्रियों की जगह पर 24 लिथियम आयन बैट्रियों को इसमें लगाया गया है. करीब 4 साल बाद वर्ष 2020 में बैट्रियां पूरी तरह से बदल दी गई हैं. इन बैट्रियों को इस तरह से ऑर्बिट में नष्‍ट करने की योजना नहीं थी. पहले इसे जापान के एच-2 ट्रांसफर वीइकल की मदद से धरती पर लाया जाना था लेकिन वर्ष 2018 में सोयूज रॉकेट के लॉन्‍च नहीं हो पाने की वजह से पूरी योजना को बदल दिया गया है.

सबसे बड़ा स्‍पेस ऑब्‍जेक्‍ट

नासा के संचार विशेषज्ञ लेह चेश‍िएर (Leh Cheshire) ने एक बयान में कहा कि यह सबसे बड़ा स्‍पेस ऑब्‍जेक्‍ट है जो आईएसएस से भेजा गया है। इसका वजन लगभग 2.9 टन है। इससे पहले स्‍पेश स्‍टेशन से अमोनिया सर्विसिंग सिस्‍टम टैंक को वर्ष 2007 में भेजा गया था. इसे स्‍पेस वॉकर क्‍ले एंडर्सन ने एसटीएस-118 मिशन के दौरान अंजाम दिया था।

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