न्यूटन : गति के पहले नियम को 300 साल तक गलत समझती रही दुनिया, अब पता चला असली मतलब
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न्यूटन : गति के पहले नियम को 300 साल तक गलत समझती रही दुनिया, अब पता चला असली मतलब

Laws Of Motion in Hindi: सर आइज़क न्यूटन के दिए 'गति के नियम' तो आपने जरूर पढ़े होंगे. मूल रूप से लैटिन में लिखे गए उन नियमों में से पहले नियम को हम शायद आज तक गलत समझते रहे.

न्यूटन : गति के पहले नियम को 300 साल तक गलत समझती रही दुनिया, अब पता चला असली मतलब

Science News in Hindi: 17वीं सदी के आखिर में, जब आइज़क न्यूटन ने गति के नियम (Laws of Motion) लिखे, तब उन्हें अहसास भी नहीं होगा कि वह दुनिया को हमेशा के लिए बदलने जा रहे हैं. लैटिन भाषा में लिखे, न्यूटन के 'गति के नियम' असल में तीन सार्वभौमिक सिद्धांत हैं. ये हमें बताते हैं कि ब्रह्मांड में वस्तुएं किस तरह से चलती है. न्यूटन का पहला और दूसरा नियम, लैटिन में लिखी गई 'प्रिंसिपिया मैथमेटिका' (Principia Mathematica, 1687) से थे. Principia Mathematica का दुनियाभर की भाषाओं में अनुवाद हुआ, वैज्ञानिकों ने खूब रिसर्च की लेकिन अब यह दावा हो रहा है कि हम शायद न्यूटन का पहला नियम गलत समझते आए हैं.

अमेरिका के वर्जीनिया टेक में लैंग्वेज और मैथमेटिक्स के फिलॉसफर, डेनियल होक का कहना है कि हम न्यूटन के गति के प्रथम नियम की सटीक व्याख्या शायद थोड़ी गलत कर रहे थे. उन्होंने न्यूटन की किताब 'लैटिन प्रिंसिपिया' के 1729 के अंग्रेज़ी अनुवाद में 'गलत अनुवाद' की खोज का दावा किया है.

न्यूटन का पहला नियम

1729 के इस अनुवाद के आधार पर, तमाम शिक्षाविदों और शिक्षकों ने न्यूटन के जड़त्व के प्रथम नियम की व्याख्या कुछ यूं की है: कोई वस्तु तब तक सीधी रेखा में चलती रहेगी या स्थिर रहेगी, जब तक कि कोई बाहरी बल हस्तक्षेप न करे. आसान भाषा में कहें तो किसी चीज की स्थिति में तब तक कोई बदलाव नहीं आएगा, जब तक उस पर बाहर से बल न लगाया जाए.

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न्यूटन की Principia Mathematica की अपनी कॉपी, दूसरे संस्करण के लिए हाथों से लिखे सुधार के साथ (साभार: रेन लाइब्रेरी, ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी)

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समझने में कहां चूक हुई?

यह व्याख्या तब तक प्रभावी रहती है, जब तक यह न समझ लिया जाए कि बाहरी शक्तियां तो लगातार काम करती हैं. और, न्यूटन ने अपने शब्दों में इस बात पर जरूर सोचा होगा. रिकॉर्ड्स पर फिर नजर डालने पर, होक को अहसास हुआ कि इस सामान्य व्याख्या में एक गलत व्याख्या थी, जो 1999 तक नजरअंदाज की गई. तब दो विद्वानों ने एक लैटिन शब्द 'क्वाटेनस' के अनुवाद को उठाया, जिसे अनदेखा कर दिया गया था. इसका : जिसका अर्थ है 'अब तक', न कि जब तक.

होक के अनुसार, इससे सब कुछ बदल जाता है. यह बताने के बजाय कि अगर कोई वस्तु किसी बल के प्रभाव में न आए तो वह अपनी गति कैसे बनाए रखती है, होक कहते हैं कि नई खोज से पता चलता है कि न्यूटन का मतलब था कि किसी पिंड की गति में हर बदलाव - हर झटका, ढलान, मोड़ और उछाल - बाहरी बलों के कारण होता है.

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होक ने 2022 के रिसर्च पेपर में अपनी खोज प्रकाशित की. उन्होंने हालिया ब्लॉग पोस्ट में फिर इस बारे में लिखा है. हालांकि, यह महत्वपूर्ण सुधार कभी भी लोगों के बीच नहीं पहुंचा. सदियों से दोहराया जा रहा नियम इस कदर रचा-बसा है, कि शायद सालों तक उसके सही मायने लोगों को न पता चलें.

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