पिछले साल से ज्वालामुखी माउंट सिनाबंग (Volcano Mount Sinabung) में सक्रिय गतिविधियां देखी जा रही थीं. इसकी वजह से उत्तरी सुमात्रा प्रांत में दूसरे स्तर का उच्चतम अलर्ट जारी किया गया है. इस विस्फोट से अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं है. इंडोनेशिया के वॉल्कैनोलॉजी एंड जियोलॉजिकल हजार्ड मिटिगेशन सेंटर (Volcanology and Geological Hazard Mitigation Centre) ने काफी पहले ही माउंट सिनाबंग ज्वालामुखी के आसपास तीन किलोमीटर के इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया था.
ज्वालामुखी माउंट सिनाबंग के फटते ही चिंता की झलक दिखाई पड़ी लेकिन कुछ समय बाद ये बंद हो गई. विस्फोट के बाद आसमान में करीब पांच किलोमीटर की ऊंचाई तक राख और गर्म धूल का ऊंचा गुबार देखा गया. रॉयटर्स के अनुसार, फिलहाल माउंट सिनाबंग ज्वालामुखी में किसी तरह की गतिविधि नहीं हो रही है. न ही उसमें कोई विस्फोट हो रहा है. सिर्फ एक बार तेज धमाके के साथ विस्फोट हुआ था. उसक बाद ऊंचा राख का गुबार फैला था. हवा नहीं थी इसलिए राख आसपास के इलाकों में नहीं फैला.
इंडोनेशिया पैसिफिक रिंग ऑफ फायर (Pacific Ring of Fire) इलाके में आता है. यह क्षेत्र भूंकपीय गतिविधियों के लिए कुख्यात है. यहां पर दुनिया की कई टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं. कई बार इनके घर्षण, खिंचाव या टकराव से भूंकप आता है. तो कई बार ज्वालामुखियों में विस्फोट होता है.
इंडोनेशिया में 130 एक्टिव ज्वालामुखी हैं. ये दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा हैं. माउंट सिनाबंग कई सदियों से शांत था लेकिन साल 2010 से लेकर अब तक यह कई बार विस्फोट कर चुका है. 8070 फीट ऊंचे इस ज्वालामुखी ने 2013 में काफी तबाही मचाई थी.
15 सितंबर 2013 में हुए विस्फोट के बाद 3700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था. 4 जनवरी 2014 को हुए विस्फोट के बाद अगले 24 घंटे तक यह कई बार फटा था. 2016 में 22 मई को हुए विस्फोट की वजह से इसने 7 लोगों की जान ले ली थी. तीन लोग गंभीर रूस से जख्मी हुए थे. इसके बाद 2017, 2018, 2019 और 2020 में यह फटा. लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ.
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