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साल 2021 लेकर आ रहा 4 गजब के नजारे, इस बड़ी खगोलीय घटना से होगी शुरुआत

Rare Celestial Event:  वर्ष 2020 में दो सूर्यग्रहण और चार चंद्रग्रहण समेत ग्रहण के छह रोमांचक दृश्य देखे गए. 

26 मई को पूर्ण चंद्रग्रहण

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26 मई को पूर्ण चंद्रग्रहण

उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने रविवार  को बताया कि अगले साल की इन खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 26 मई को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा. 

 

चंद्रमा, पृथ्वी की छाया से 101.6 प्रतिशत ढक जाएगा

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चंद्रमा, पृथ्वी की छाया से 101.6 प्रतिशत ढक जाएगा

उन्होंने कहा, "नववर्ष का यह पहला ग्रहण सिक्किम को छोड़कर भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में दिखाई देगा जहां चंद्रोदय देश के दूसरे इलाकों के मुकाबले जल्दी होता है.  इस खगोलीय घटना के वक्त चंद्रमा, पृथ्वी की छाया से 101.6 प्रतिशत ढक जाएगा. "

ब्लड मून

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ब्लड मून

पूर्ण चंद्रग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और अपने उपग्रह चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है. चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिप जाता है और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ पाती है. इस खगोलीय घटना के वक्त पृथ्वीवासियों को चंद्रमा रक्तिम आभा लिए दिखाई देता है. लिहाजा इसे "ब्लड मून" भी कहा जाता है.   

 

19 नवंबर को आंशिक चंद्रग्रहण

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19 नवंबर को आंशिक चंद्रग्रहण

उन्होंने बताया कि 19 नवंबर को लगने वाले आंशिक चंद्रग्रहण को अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ भागों में बेहद कम समय के लिए निहारा जा सकेगा. 

97.9 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा

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97.9 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा

 इस खगोलीय घटना के चरम पर चंद्रमा का 97.9 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका दिखाई देगा. 

10 जून को सूर्यग्रहण

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10 जून को सूर्यग्रहण

गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से बताया कि 10 जून को लगने वाला वलयाकार सूर्यग्रहण देश में दिखाई नहीं देगा.  इस खगोलीय घटना के वक्त सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाएगा.  इस कारण सूर्य "रिंग ऑफ फायर" (आग का चमकदार छल्ले) जैसा 94.3 प्रतिशत ढका नजर आएगा. 

2021 का अंतिम ग्रहण

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2021 का अंतिम ग्रहण

तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि चार दिसंबर को लगने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा कुछ इस तरह आ जाएगा कि सौरमंडल का मुखिया सूर्य 103.6 प्रतिशत ढका नजर आएगा.  हालांकि, वर्ष 2021 के इस अंतिम ग्रहण को भारत में नहीं निहारा जा सकेगा. 

 

(इनपुट: भाषा से) 

 

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