आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किलुआ ज्वालामुखी (Kilauea Volcano) किलुआ हीलो द्वीप पर स्थित पांच ज्वालामुखियों में से एक है. इस द्वीप पर करीब 1.89 लाख लोग रहते हैं और करीब 89 लाख पर्यटक यहां आते हैं. इस लावा के कारण यहां के मशहूर वॉल्कैनो नेशनल पार्क (Volcano National Park) बंद कर दिया गया है.
इस क्षेत्र में कुछ दिनों के अंतराल पर 500 बार भूकंप (Earthquake) आ चुका था. इनमें सबसे बड़ा भूकंप 6.9 की तीव्रता के साथ आया था. इन भूकंप के झटकों से ही ज्वालामुखी ने पहले से अधिक विकराल रूप ले लिया था, जिसके बाद इसका लावा करीब 4 लाख वर्ग फीट तक फैल गया था.
यूएस जियोग्राफिकल सर्वे (US Geographical Survey) ने इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया था कि ज्वालामुखी फटने के बाद आस-पास मौजूद शहरों में जहरीली गैस का रिसाव होने लगा था. इससे सल्फर डाई ऑक्साइड (Sulphur Dioxide) समेत कई जहरीली गैसें (Poisonous Gas) निकली थीं. इससे पहले जियोलॉजिकल सर्वे ने जानकारी दी थी कि ज्वालामुखी के अंदर भारी मात्रा में लावा (Lava) मौजूद है. इसकी चपेट में आकर 32 घर पहले ही तबाह हो चुके हैं. यहां के करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट भी कर दिया गया था.
अमेरिका (America) के हवाई आइलैंड (Hawaii Island) पर मौजूद किलुआ (Kilauea Volcano) में 2018 में अबतक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी (Volcano) फटा था. ज्वालामुखी फटने के बाद इसका लावा (Lava) 30 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई तक उछला था. ज्वालामुखी फटने से कई जगहों की जमीन भी फट गई थी. सिर्फ इतना ही नहीं, यह लावा नदी (Lava River) के तौर पर वहीं बहने लगा था.
ट्रेन्डिंग फोटोज़