Cold Symptoms: सर्दियों में ठंड लगना आम बात है, लेकिन कई लोगों को इस मौसम में बहुत ज्यादा ठंड लगती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपको ठंड ज्यादा लगती है या कम, इसका संबंध आपके खान-पान, लाइफस्टाइल और शरीर की आंतरिक क्षमता से है.
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Cold Symptoms: सर्दियों में ठंड लगना आम बात है, लेकिन कई लोगों को इस मौसम में बहुत ज्यादा ठंड लगती है. कई बार तो ठंड की वजह से उंगलियां तक सुन्न हो जाती हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपको ठंड ज्यादा लगती है या कम, इसका संबंध आपके खान-पान, लाइफस्टाइल और शरीर की आंतरिक क्षमता से है.
ठंड सबसे पहले त्वचा (Skin) पर महसूस होती है. इसकी वजह से रोएं खड़े हो जाते हैं और कई बार उंगलियां भी सुन्न हो जाती हैं. जब तापमान गिरता है तब शरीर के पहले सुरक्षा घेरे यानी त्वचा को ये महसूस होता है. त्वचा के ठीक नीचे मौजूद थर्मो-रिसेप्टर नर्व्स (Thermo-receptors Nerves) दिमाग को तरंगों के रूप में संदेश भेजती हैं कि ठंड लग रही है. अलग-अलग लोगों के लिए इसका स्तर और इसकी तीव्रता अलग अलग हो सकती है.
त्वचा से निकलने वाली तरंगें दिमाग के हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) में पहुंचती हैं. हाइपोथैलेमस शरीर के आंतरिक तापमान और पर्यावरण का संतुलन बनाता है. संतुलन बनाने की प्रक्रिया में ही रोएं खड़े होते हैं और मासंपेशियां सिकुड़ने लगती हैं.
हाइपोथैलेमस शरीर के नर्वस सिस्टम मैसेज देता है क्योंकि हमारा शरीर तापमान के गिरने को बर्दाश्त नहीं कर सकता. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर तापमान ज्यादा नीचे गिर जाता है तो शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. मल्टी ऑर्गन फेल्योर होने की वजह से इंसान की मौत हो सकती है. ज्यादा ठंड जिसे हाइपोथर्मिया कहते हैं, इससे जान भी जा सकती है.
आपकी त्वचा पर सर्दी महसूस होती है, लेकिन दिमाग शरीर के अंदर के तापमान को गिरने से रोकता है. दिमाग पूरे शरीर को चेतावनी देता है कि तापमान गिर रहा है, आपको तापमान संतुलित करना है. ऐसी स्थिति में सारे अंग, मांसपेशियां अपने काम करने की गति को धीमा कर देती हैं.
धीमी गति से काम कर रहे अंगों से ज्यादा मेटाबॉलिक हीट (Metabolic Heat) पैदा होता है. इसी वजह से शरीर में अचानक कंपकंपी होती है. कंपकंपी आने का मतलब है कि आपका शरीर बाहर के तापमान की तुलना में अंदर के तापमान को संतुलित कर रहा है.
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जब हम बार-बार ठंडे तापमान से जूझते हैं, हमारा शरीर तुरंत उसके हिसाब से संतुलन बनाने लगता है. स्टडी के मुताबिक, लिंग, उम्र और जीन्स पर भी यह निर्भर करता है कि इंसान को कितनी सर्दी लगेगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)