बेहद रहस्यमयी है सौर मंडल, वैज्ञानिकों को अब मिला Cosmic Radio Burst का सबूत
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बेहद रहस्यमयी है सौर मंडल, वैज्ञानिकों को अब मिला Cosmic Radio Burst का सबूत

वैज्ञानिकों को नई कामयाबी मिली है. खगोल वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारे सौर मंडल के भीतर ब्रह्मांडीय रेडियो तरंगों (Cosmic Radio Bursts) के फटने का पता लगाया और इसके स्रोत की पहचान की है. इस बात का पहले भी पता चल चुका है और यह बेहद हैरान करने वाली बात है.

रेडियो बर्स्ट

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों को नई कामयाबी मिली है. खगोल वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारे सौर मंडल के भीतर ब्रह्मांडीय रेडियो तरंगों के फटने का पता लगाकर इसके स्रोत की पहचान की है. यह बात पहली बार एक दशक पहले पता चला था. इस खोज ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. यह विज्ञान जगत के लिए काफी बड़ी बात है.

  1.  वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है
  2.  सौर मंडल के भीतर ब्रह्मांडीय रेडियो तरंगों के फटने का पता लगाया है
  3. इनकी चमक कुछ मिलीसेकंड तक चलती है

वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी
फास्ट रेडियो बर्स्ट (Fast Radio Bursts) आम तौर पर एक्सट्रागैलेक्टिक (Extragalactic) होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे हमारी आकाशगंगा के बाहर उत्पन्न होते हैं. हालांकि इस साल 28 अप्रैल को कई टेलिस्कोप (Telescope) ​​ने हमारे मिल्की वे (Milky Way) के भीतर एक ही क्षेत्र से एक उज्ज्वल FRB का पता लगाया था. ये स्रोत को पिन करने में भी सक्षम थे. चुंबक, न्यूट्रॉन सितारे जो ब्रह्मांड में सबसे अधिक चुंबकीय वस्तुएं हैं, जो लंबे समय से इन रेडियो के फटने के स्रोत के शिकार में प्रमुख संदिग्ध थे. लेकिन यह खोज एक उम्मीद है कि खगोलविद (Astronomer) सीधे मैग्नेटर पर वापस जाकर सिग्नल का पता लगाने में सक्षम हैं.

आकाशगंगा से निकलने वाला रेडियो बर्स्ट
जर्नल नेचर के अध्ययनों के अनुसार, तेज रेडियो फटने वाले एक अजीब प्रकार के तारे को पृथ्वी से 32,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर बुलाया गया. ये पहला तेज रेडियो बर्स्ट था, साथ ही आकाशगंगा से निकलने वाला भी पहला रेडियो बर्स्ट था. खगोलविदों (Astronomer) का कहना है कि इन विस्फोटों के लिए अन्य स्रोत हो सकते हैं, लेकिन वे अब मैग्नेटर्स के बारे में निश्चित हैं. मैग्नेटर अविश्वसनीय रूप से घने न्यूट्रॉन तारे हैं, जो  सूरज के द्रव्यमान का 1.5 गुना अंतरिक्ष में मैनहट्टन का आकार लेते हैं. कैनेडियन अध्ययन के सह-लेखक मैकगिल विश्वविद्यालय के खगोल वैज्ञानिक जिगी प्लुनिस के अनुसार, उनके पास ऊर्जा के साथ भिनभिनाहट और दरार है और कभी-कभी एक्स-रे व रेडियो तरंगें हैं.

आकाशगंगा में एक दर्जन चुंबक
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (California Institute of Technology) के खगोलशास्त्री केसी लॉ ने कहा कि इन मैग्नेटर्स के आस-पास का चुंबकीय क्षेत्र इतना मजबूत है कि पास में मौजूद कोई भी परमाणु फट जाता है और मूलभूत भौतिकी के विचित्र पहलुओं को देखा जा सकता है. कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शमी चटर्जी कहते हैं कि हमारी आकाशगंगा में शायद एक दर्जन या इतने ही चुंबक हैं. वे बेहद छोटे हैं और स्टार बर्थ प्रक्रिया (Star Birth Process) का हिस्सा है. मिल्की वे भी स्टार के बर्थ के साथ फ्लश नहीं हैं.

खतरनाक नहीं है रेडियो का फटना
कैल्ट रेडियो के खगोलशास्त्री क्रिस्टोफर बोचनेक ने कहा कि यह एक सेकंड से भी कम समय में है, जो एक महीने में हमारे सूरज से पैदा होने वाली ऊर्जा के बराबर है. अभी भी रेडियो से बाहर आने वाली तरंगें रेडियो फटने की तुलना में बहुत कम हैं. उन्होंने हस्तनिर्मित एंटेना के साथ बर्स्ट को स्पॉट करने में मदद की थी. खगोलविदों ने कहा है कि यह रेडियो फटना हमारे लिए खतरनाक नहीं है, हमारी आकाशगंगा के बाहर से भी अधिक शक्तिशाली नहीं हैं. डेनियल मिचिल्ली ने कहा, 'आकाशगंगा में मौजूद किसी भी चीज की तुलना में ये रेडियो बर्स्ट हजारों से लाखों गुना अधिक शक्तिशाली हैं.' वैज्ञानिकों को लगता है कि ये इतने तेज होते हैं कि ये हमारी आकाशगंगा के बाहर एक दिन में 1,000 से अधिक बार आ सकते हैं लेकिन उन्हें ढूंढना आसान नहीं है.

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