Sea Monsters Name: चॉम्पर्स के एक सेट का ऐसा पूरा जीवाश्म मिलना दुर्लभ है और जीवाश्म विज्ञानी इस बारे में ज्यादा जानना चाह रहे हैं कि प्रागैतिहासिक मांसाहारी अपने शिकार पर कैसे हमला करते थे और फिर उसे कैसे खाते थे. ग्लोबिडेंस मोसासौर परिवार से संबंधित हैं और इनका पहली बार जिक्र 1912 में किया गया था.
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Sea Creatures: वैज्ञानिकों ने अमेरिका के टेक्सास के समंदर में 85 मिलियन साल पहले तैरने वाले समुद्री दैत्य की खोज की है. ग्लोबिडेंस अलाबामेंसिस के पूरे जबड़े की हड्डियों के जीवाश्म से पता चलता है कि यह समुद्री जानवर कितना विशाल रहा होगा.
चॉम्पर्स के एक सेट का ऐसा पूरा जीवाश्म मिलना दुर्लभ है और जीवाश्म विज्ञानी इस बारे में ज्यादा जानना चाह रहे हैं कि प्रागैतिहासिक मांसाहारी अपने शिकार पर कैसे हमला करते थे और फिर उसे कैसे खाते थे. ग्लोबिडेंस मोसासौर परिवार से संबंधित हैं और इनका पहली बार जिक्र 1912 में किया गया था.
टेक्सास में मिला जीवाश्म
इस नई खोज का ब्योरा द जर्नल ऑफ पेलियोन्टोलॉजिकल साइंसेज में छपे एक रिसर्च पेपर में दिया गया है. जीवाश्म शिकारी कोर्टनी ट्रैवानिनी को उत्तरपूर्वी टेक्सास के एक क्षेत्र ओज़ान फॉर्मेशन में यह जीवाश्म मिला था. इसके बाद उन्होंने इसे वैज्ञानिकों के हवाले कर दिया, जिन्होंने हड्डियों का विश्लेषण किया और यह पता लगाया कि वे किस प्रजाति की हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, बाईं ओर के छह दांत अभी भी बरकरार हैं, जबकि दाएं जबड़े में 12 हैं. वे लंबे और बेलनाकार हैं और उनमें से कुछ 1.5 इंच (4 सेंटीमीटर) तक लंबे हैं. जबड़े की हड्डियां भी मजबूत और विशाल पाई गई हैं.
आदर्श रूप से एक मांसाहारी समुद्री रैपटाइल के नुकीले दांत होने चाहिए. लेकिन पिछले नतीजों से पता चला है कि ग्लोबिडेंस के पास कभी भी ये नहीं थे और इसके बजाय, मोसासौर एक अलग शिकार तकनीक पर निर्भर थे. पिछली स्टडीज के अनुसार, शिकार को ज़ोर से चबाना उनका अपनाया गया तरीका नहीं था. इसके बजाय, ये समुद्री राक्षस अपने शिकार को पूरा निगल जाते थे.
शिकार के मांस को फाड़ डालते थे समुद्री जीव
हालांकि इस प्रजाति के कुछ समुद्री जीव अपने शिकार के मांस को फाड़ डालते थे. कुछ थ्योरीज यह भी कहती हैं कि इन जीवों के पास विषैली ग्रंथियां थीं.
जीवाश्म पश्चिमी मिसिसिपी एम्बेमेंट में पाया गया, जो दक्षिणी इलिनोइस से उत्तरी लुइसियाना तक फैला हुआ बेसिन है. रिसर्च पेपर में कहा गया है कि क्रेटेशियस युग की यह खोज उस क्षेत्र के लिए दुर्लभ है जो अब शुष्क जमीन है लेकिन मोसासौर काल के दौरान समुद्र से ढकी हुई थी.
वैज्ञानिकों को यह भी पता लगाने में परेशानी हुई कि जीवाश्म ग्लोबिडेंस किस उप-प्रजाति का है, क्योंकि इससे पहले कभी भी पूरी जबड़े की हड्डी नहीं मिली थी. उनका आकार ग्लोबिडेंस परिवार के अन्य सदस्यों के जैसा है, लेकिन उनमें कुछ विशेषताएं समान नहीं हैं. वैज्ञानिकों ने उनके आकार और दांतों की संख्या से यह पता लगाया कि यह शायद जी. अलाबामेंसिस प्रजाति का था.