ज्‍वालामुखी विस्‍फोट से निकली तरंगे स्‍पेस में पहुंची, पहली बार नासा के सैटेलाइट ने की कैच
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ज्‍वालामुखी विस्‍फोट से निकली तरंगे स्‍पेस में पहुंची, पहली बार नासा के सैटेलाइट ने की कैच

दक्ष‍िणी प्रशांत महासागर में स्‍थित टोंगा देश के एक आईलैंड पर जो ज्‍वालामुखी विस्‍फोट हुआ, उसके राख के बादल 10 हजार किलोमीटर दूर दिखाई दिए और उस विस्‍फोट के वजह से पैदा हुई ग्रैविटी वेव स्‍पेस में घूम रहे सैटेलाइट ने भी कैच की. 

टोंगा में ज्‍वालामुखी विस्‍फोट.

नई दिल्‍ली: शनिवार को टोंगा में जो ज्‍वालामुखी विस्‍फोट हुआ, उससे निकली 'वायुमंडलीय गुरुत्वाकर्षण तरंगें' अंतरिक्ष तक पहुंची जहां नासा के सैटेलाइट ने उन तरंगों को कैच किया. 

  1. धरती पर फटा ज्‍वालामुखी, अंतरिक्ष में पहुंची वेव 
  2. टोंगा के एक आईलैंड पर फटा था ज्‍वालामुखी 
  3. 10 हजार किलोमीटर दूर तक सुनी गई थी विस्‍फोट की आवाज 

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र टोंगा पर ज्वालामुखी विस्फोट और उसके बाद आई सुनामी ने नागरिकों के लिए एक बड़ी तबाही मचाई है. ज्वालामुखी दिसंबर 2021 से फूट रहा था लेकिन 15 जनवरी 2022 को ये भयानक रूप से फट गया. टोंगा में सैकड़ों घर नष्ट हो गए हैं और द्वीप राष्ट्र कुछ समय के लिए दुनिया के बाकी हिस्सों से भी कट गया था. 

बहुत शक्‍त‍िशाली था विस्‍फोट 

यह विस्फोट कितना शक्तिशाली था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुनामी के प्रभाव और ज्वालामुखी राख के बादल पेरू में भी देखे गए थे  जो प्रशांत महासागर में 10,000 किलोमीटर से अधिक दूर थे. हंगा टोंगा ज्वालामुखी के विस्फोट की आवाज 10 हजार किलोमीटर दूर कनाडा में भी सुनी गई.  

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ज्‍वालामुखी से निकली तरंगों को सैटेलाइट ने किया कैच 

अब यह बात सामने आई है कि ज्वालामुखी विस्फोट ने अंतरिक्ष में 'वायुमंडलीय गुरुत्वाकर्षण तरंगें' भी भेजीं. इन तरंगों का पता नासा के एक सैटेलाइट ने पकड़ा था. ज्वालामुखी के चारों ओर सर्कल के रूप में तरंगें बाहर की ओर निकलती हैं. 

मदद के लिए आगे आए देश 

इस मुसीबत की घड़ी में कई देश टोंगा की मदद के लिए आगे आए. जापान और ऑस्ट्रेलिया ने सहायता और राहत सामग्री भेजी है. जापानी सरकार ने बुधवार (19 जनवरी) को घोषणा की कि वह टोंगा में ज्वालामुखी की राख को साफ करने के लिए कम से कम 1 मिलियन डॉलर की सहायता के साथ ही पीने के पानी और उपकरण प्रदान करेगी. रेड क्रॉस ने कहा कि टोंगा में उसकी टीमों ने पुष्टि की है कि सुनामी और ज्वालामुखी की राख से खारा पानी हजारों लोगों के पीने के पानी को प्रदूषित कर रहा है. 

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