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नई दिल्ली: हाल ही में चीन ने मशहूर उद्योगपति Elon Musk के खिलाफ United Nations में एक शिकायत की है. जिसमें उसने कहा है कि Elon Musk की कंपनी बड़ी संख्या में Satellites लॉन्च कर रही है और ये Satellites चीन के स्पेस स्टेशन से टकराते-टकराते बचे हैं. आपने जमीन पर तो ट्रैफिक जाम के बारे में सुना होगा लेकिन अब अंतरिक्ष में Satellites की बढ़ती संख्या के बाद वहां पर भी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो गई है. आज हम आपको भविष्य के अंतरिक्ष के बारे में बताने जा रहे हैं.
ये लड़ाई दुनिया की दो बड़ी ताकतों के बीच है. एक दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति है और दूसरा एक देश है, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के रूप में देखता है. United Nations को अपनी शिकायत में चीन ने कहा है कि इस साल पृथ्वी के वायु मंडल में ऐसा दो बार हुआ, जब Elon Musk की Space कंपनी के दो Satellites उसके Space Station से टकराते-टकराते बच गए. यानी चीन के स्पेस स्टेशन और इन Satellites के बीच टक्कर होने वाली थी. लेकिन आखिरी समय पर चीन ने अपने स्पेस स्टेशन को मूव कर लिया और अंतरिक्ष में कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई.
चीन के मुताबिक इनमें पहली घटना 1 जुलाई और दूसरी घटना 21 अक्टूबर को हुई. अब चीन की इस शिकायत के बाद दुनियाभर में Elon Musk की आलोचना हो रही है और लोग ये कह रहे हैं कि उनकी कंपनी गैर जिम्मेदार तरीके से अंतरिक्ष में काम कर रही है. चीन ने भी अपनी शिकायत में लगभग यही बात लिखी है. चीन ने UN से कहा है कि वो Elon Musk को Outer Space Treaty के बारे में बताएं और इसका पालन करने के लिए मजबूर करें.
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आपको बता दें, ये संधि पृथ्वी के वायु मंडल में दुनिया का पहला Satellite लॉन्च होने के पूरे 10 साल बाद साल 1967 में हुई थी. सोवियत संघ ने पहली बार साल 1957 में ये Satellite लॉन्च किया था और इसी के 10 साल बाद संयुक्त राष्ट्र ने कुछ देशों के साथ मिल कर ये संधि बनाई, ताकि कोई भी देश अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों से दुनिया को नुकसान ना पहुंचाए. लेकिन सच ये है कि आज 54 साल के बाद इस संधि का एक कागज के टुकड़े से ज्यादा महत्व नहीं रह गया. वो इसलिए क्योंकि 54 साल पहले पृथ्वी के वायु मंडल में 50 से भी कम Satellites मौजूद थे.
लेकिन आज अंतरिक्ष में Active Satellites की संख्या 30 हजार के पार हो चुकी है. इसके अलावा 3 हजार Satellites ऐसे हैं, जिन्होंने काम करना बन्द कर दिया है. इन Satellites के टुकड़े और दूसरा कचरा अंतरिक्ष में तैर रहा है. कुल मिला कर कहें तो अंतरिक्ष में इस समय जबरदस्त ट्रैफिक जाम लगा हुआ है. आने वाले समय में ये जाम इतना भीषण हो जाएगा कि किसी भी देश के लिए नए Satellite को पृथ्वी से लॉन्च करना मुश्किल होगा.
अकेले Elon Musk की कंपनी अब तक पृथ्वी के वायु मंडल में 1900 Satellites लॉन्च कर चुकी है. इसके अलावा एक अनुमान के मुताबिक दुनिया की चार बड़ी प्राइवेट Space Companies, Space-x, Jeff Bezos की Blue Origin, OneWeb और StarNet केवल इसी दशक में 65 हजार नए Satellites अंतरिक्ष में लॉन्च करेंगी. जबकि इसी दौरान पूरी दुनिया में कुल मिला कर एक से दो लाख Satellites अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. ऐसी स्थिति में दो या उससे ज्यादा Satellites के बीच टक्कर का खतरा बढ़ जाएगा. दुनिया Kessler Syndrome के चक्रव्यूह में फंस जाएगी.
Kessler Syndrome एक प्रक्रिया होती है, जिसमें ऐसा माना गया है कि जब दो Satellites आपस में टकराएंगे तो उससे इन Satellites के जो टुकड़े होंगे, वो दूसरी Satellites से टकरा कर उन्हें तबाह कर देंगे. फिर ये टुकड़े बाकी के Satellites को नष्ट कर देंगे और इस तरह अंतरिक्ष में एक दिन एक भी Satellite नहीं बचेगा.
अगर ऐसा हुआ तो पृथ्वी के वायु मंडल में Satellites ना रहने से पूरी दुनिया का इंटरनेट बंद हो जाएगा. संचार के लगभग सभी माध्यम ठप हो जाएंगे. आपके मोबाइल फोन के सिग्नल कहीं भी नहीं आएंगे. दुनिया को मौसम के पुर्वनुमान की पहले से कोई जानकारी नहीं मिलेगी. इससे भारत जैसे देश के लिए ये स्थिति बहुत खराब होगी. क्योंकि हमारे देश के करोड़ों किसान आज भी कृषि के लिए मौसम पर निर्भर होते हैं. जब उन्हें मौसम की सही जानकारी ही नहीं मिलेगी तो इंसान इनसे निपटने के लिए कभी तैयार नहीं रहेगा.
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इसके अलावा पृथ्वी के वायु मंडल में लाखों Satellites का कचरा होने से आपको आसमान में जो तारे दिखाई देंगे, उनमें से लगभग 10 प्रतिशत असल में कोई तारा नहीं बल्कि नष्ट हुए Satellites के टुकड़े होंगे. इससे तारों को देखकर आपका भविष्य बताने वाले कई ज्योतिषियों की दुकानें बंद हो जाएंगी. एक अनुमान के मुताबिक अब भी पृथ्वी के वायु मंडल में 12 करोड़ 80 लाख टुकड़े नष्ट हो चुके Satellites के हैं, इनमें 34 हजार टुकड़े ऐसे हैं, जो चार इंच से बड़े हैं. कुल मिला कर कहें तो Elon Musk और चीन की इस लड़ाई का सबसे ज्यादा नुकसान हम सभी को होगा.
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