रणबीर की चाहे 50 हज़ार फिल्में क्यों न फ्लॉप हो जाएं, मैं हमेशा ...: इम्तियाज अली
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रणबीर की चाहे 50 हज़ार फिल्में क्यों न फ्लॉप हो जाएं, मैं हमेशा ...: इम्तियाज अली

रणबीर की चाहे 50 हज़ार फिल्में क्यों न फ्लॉप हो जाएं, मैं हमेशा ...: इम्तियाज अली

वो अपनी फ़िल्मों में प्यार की नई परतों को कुरेदते हैं, प्यार के लिए खुद के बनाए फ़्रेमवर्क में अलग अलग तरह के किरदारों को रखते हैं, उसके बाद इम्तियाज अली प्यार का अनोखा, अनसुना और अनछुआ सा 'तमाशा' पेश करते हैं। अपनी लगभग हर फ़िल्म में दिल की सुनो का मैसेज देने वाले इम्तियाज़ अपनी फ़िल्में भी अपने दिल की आवाज़ सुनकर ही बनाते हैं। हमारी संवाददाता ज्योति चाहर ने फ़िल्म तमाशा और उनकी फिल्मों से जुड़े पहलुओं पर इम्तियाज से खास बात की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश

# आप अपनी फ़िल्मों में हमेशा प्यार की नई परिभाषा गढ़ते हैं।

इस बारे में तो मुझे ज़्यादा पता नहीं। बस मैं अपनी फिल्मों को दूसरी फिल्में देखकर नहीं बनाता। जो कहानी जैसे दिल में आती है, वैसे बना देता हूं। और वो क्यों हटके बन जाती है, मुझे खुद भी समझ में नहीं आता।

# आपकी फ़िल्म तमाशा की तरह क्या आपकी लाइफ में किसी और ने आकर आपको अहसास कराया है कि आप असल में कुछ और हैं?

मेरे साथ लाइफ में 1-2 बार ऐसा हुआ है। मैं इस बारे में ज़्यादा खुलकर तो नहीं बता पाऊंगा, क्योंकि इसमें मेरे साथ दूसरे भी लोग हैं। वैसे मैं इस तरह की बात तो आपसे छुपाना चाहूंगा।

ऐसा ज़रूर हुआ है कि किसी ने कुछ किया हो और उससे मुझे ये लगा कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, ये तो मैं करना ही नहीं चाहता हूं। ऐसा हुआ है कि किसी के मिलने से मैंने खुद को किसी दूसरी तरह से ही देखना शुरू कर दिया।

# तमाशा फिल्म की रिलीज के बाद लाइफ में कुछ खास बदलाव आए हों?

अभी फिल्म को रिलीज़ हुए ज़्यादा समय नहीं हुआ है। जब कुछ ज़्यादा वक्त बितेगा, तब शायद कोई बदलाव आएगा। एक तरह से मैं ये समझता हूं कि तमाशा ने मुझे अपने बचपन से वापिस मिला दिया।

# आपकी फिल्मों को ऑडियंस का तो बहुत प्यार मिलता है लेकिन क्रिटिक्स की प्रतिक्रिया थोड़ी अलग ही रहती है।

ये बात तो आपको क्रिटिक्स से ही पूछनी चाहिए कि उनको मेरे साथ क्या दुश्मनी है? (हंसते हुए) वैसे मैं खुद कभी क्रिटिक्स को नहीं पढ़ता। लेकिन मैं जानता हूं कि तमाशा और मेरी बाकी फिल्मों को बहुत बुरे रिव्यू मिले हैं। मगर ऑडियंस को सलाम है कि वो बिना रिव्यू पढ़े तमाशा फिल्म देखकर आए। फिल्म पसंद आने के बाद उन्होंने 4 और लोगों को फिल्म देखने के लिए बोला। सिर्फ उन लोगों की वजह से ही ये फिल्म सफल रही। ऑडियंस की तरफ से इस फिल्म को जो रिस्पॉन्स मिला है, उससे मैं काफी खुश हूं।

#आप अपनी फ़िल्मों के संगीत पर काफी मेहनत करते हैं।

मैं म्यूज़िक को सुनने से ज़्यादा इसको बनाना एंजॉय करता हूं। जैसे “हीर तो बड़ी सैड है...” गाने को मैं दुखी गाना नहीं बनाना चाहता था क्योंकि फिर फिल्म में ज़्यादा सैडनेस हो जाती। तो मैंने सोचा क्यों न सैड सिचुएशन में इसे हैप्पी फनी सॉन्ग बनाऊं।

#आपकी हर फ़िल्मों में दिल्ली और कोलकाता के रंग ज़रूर देखने को मिलते हैं?

मैं दिल्ली में रहा हूं। दिल्ली मुझे बहुत रंग-बिरंगी सी लगती है। यहां लोग हिंदी भाषा में ज़्यादा बात करते हैं और मैं भी हिंदी फिल्म बनाता हूं तो वो चीज कहीं न कहीं कनेक्ट करती है। मैं जमशेदपुर से हूं तो कोलकाता मेरा पहला शहर रहा है। इन दोनों शहरों से मैं काफी अच्छी तरह से परिचित हूं। आप जब किसी जगह को अच्छी तरह से जानते हैं, तभी फिल्म में वो जगह ले सकते हैं। मैं तो दिल्ली आने के बहाने ढूंढ़ता रहता हूं।

# तमाशा से पहले रणबीर की लगातार कई फ़िल्में फ्लॉप हुई, इसे लेकर कोई डर था?

तमाशा फिल्म के बाद क्या रणबीर के ऊपर से वो बादल हट गए क्या? मुझे ये समझ में नहीं आता कि आप कुछ फिल्मों से किसी एक्टर को फ्लॉप या हिट कैसे बोल सकते हैं। जब रणबीर को मैंने इस फिल्म में लिया था, तब उसकी वो फिल्में रिलीज भी नहीं हुई थीं। दूसरी बात ये है कि फिल्म एक सदा के लिए रहने वाली चीज़ है और सफलता- असफलता बहुत कम समय के लिए रहने वाली चीज़ है। अगर आपके पास रणबीर जितना अच्छा एक्टर और इसांन हो तो आपको एक पल के लिए भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। रणबीर की चाहे 50 हज़ार फिल्म ही क्यों न फ्लॉप हो जाएं, अगर वो मेरी फिल्म में है तो मैं हमेशा सिक्योर फील करूंगा।

# दीपिका और रणबीर आपकी फेवरेट जोड़ी है, इसी लिए उन्हें तमाशा में कास्ट किया या कोई और वजह है?

दीपिका और रणबीर साथ में कोई आइटम नहीं है। ऐसा नहीं है कि एक के साथ एक मुफ्त आता है। दोनों अलग-अलग एक्टर हैं। मैं इस फिल्म के लिए रणबीर और दीपिका के अलावा किसी ओर के बारे में सोच ही नहीं सकता। यहीं सवाल अगर मैं आपसे करूं कि तमाशा में दीपिका और रणबीर की जगह आप किसे देखना चाहते तो आप भी इसका जवाब नहीं दे पाएंगी।

तमाशा में मैं किसी ओर को इमेजिन ही नहीं कर सकता। दोनों एक साथ पहले भी काम कर चुके हैं। रणबीर को सबसे पहले मैंने रोल ऑफर किया था और उसके काफी समय बाद मेरी दीपिका से बात हुई, तो वो इस फिल्म और हमारे साथ काम करने को लेकर काफी एक्साइटेड थी। दीपिका और रणबीर एक–दूसरे को काफी अच्छी तरह से समझते हैं। दोनों ने बहुत खुशी से मेरी फिल्म में काम किया।

#क्या लव स्टोरी के अलावा कभी किसी और विषय पर भी फ़िल्म बनाएंगे?

अगर ऐसी कोई स्टोरी मेरे दिमाग में आती है तो मैं पक्का लिखूंगा भी और बनाउंगा भी। लेकिन अभी तक मेरे पास कोई ऐसा आइडिया नहीं है।

# अनुराग कश्यप, तिग्मांशु धुलिया, करण जौहर इन सबको हमने एक्टिंग करते हुए भी देखा है। आप खुद भी गुड लुकिंग हैं, क्या हम आपको कभी एक्टिंग करते हुए देखेंगे?

नहीं नहीं, कभी नहीं(हंसते हुए)। मेरा एक्टिंग करने का कोई इरादा नहीं है। अनुराग कश्यप, तिंग्माशु धुलिया इन सबको तो एक्टिंग करने में बड़ा मज़ा आता है। अनुराग तो वैसे भी एक्टर ही बनना चाहता था तो उसको जब भी मौका मिलेगा, वो एक्टिंग करेगा ही। मैंने थिएटर में बहुत साल एक्टिंग की है। मेरी डायरेक्शन में ज़्यादा रुचि थी। अब मैं दो नावों में सवार नहीं रहना चाहता।

# सुनने में आया है कि आप शाहरुख खान के साथ काम करने जा रहे हैं।

ऐसा कुछ मुझे भी सुनने को आया है लेकिन अभी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। अभी मुझे देखना है कि कौन सी कहानी मेरे पास है। फिलहाल कुछ फाइनल नहीं हुआ है।

# सीक्वल के इस दौर में क्या हम तमाशा का सीक्वल भी देखेंगे?

मैंने अपनी किसी भी फिल्म का सीक्वल अभी तक प्लान नहीं किया है।

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