हाल ही में डिएगो अरमांडो माराडोना (Diego Armando Maradona) की सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में माराडोना के कई टेस्ट किए गए. कुछ दिनों पहले उनका कोरोना टेस्ट भी हुआ था लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी.
Trending Photos
ब्यूनस आयर्स: दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार 1986 विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत के नायक डिएगो माराडोना (Diego Armando Maradona) का बुधवार को निधन हो गया. पेले की ही तरह दस नंबर की जर्सी पहनने वाले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में गिने जाने वाले माराडोना 60 वर्ष के थे. पिछले लंबे समय से वह कोकीन की लत और मोटापे से जुड़ी कई परेशानियों से जूझ रहे थे.
अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है. दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों में इस खबर से शोक की लहर दौड़ गई है और सोशल मीडिया पर इस महान फुटबॉलर को श्रृद्धांजलि दी जा रही है. फीफा ने उन्हें 2001 में ब्राजील के पेले के साथ खेल के इतिहास के दो महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया था. दो सप्ताह पहले ही दिमाग के आपरेशन के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी.
‘खुदा का हाथ’
विश्व कप 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में ‘खुदा का हाथ’ वाले गोल के कारण फुटबॉल की किवदंतियों में अपना नाम शुमार कराने वाले माराडोना दो दशक से लंबे अपने कैरियर में फुटबालप्रेमियों के नूरे नजर रहे. माराडोना ने बरसों बाद स्वीकार किया था कि उन्होंने जान बूझकर गेंद को हाथ लगाया था. उसी मैच में चार मिनट बाद हालांकि उन्होंने ऐसा शानदार गोल दागा था जिसे फीफा ने विश्व कप के इतिहास का महानतम गोल करार दिया.
ये भी पढ़ें- Diego Maradona का वो फेमस गोल, जिसे कहा गया-'The hand of god'
आत्मकथा में कही ये बात
अर्जेंटीना ने उस जीत को 1982 के युद्ध में ब्रिटेन के हाथों मिली हार का बदला करार दिया था. माराडोना ने 2000 में आई अपनी आत्मकथा ‘आई एम डिएगो’ में लिखा था, ‘वह मैच जीतने की कोशिश से बढ़कर कुछ था. हमने कहा था कि इस मैच का जंग से कोई सरोकार नहीं है लेकिन हमें पता था कि वहां अर्जेंटीनाइयों ने अपनी जानें गंवाई थी. यह हमारा बदला था. हम अपने देश के लिए खेल रहे थे और यह हमसे बड़ा कुछ था.’
फुटबॉलप्रेमियों में गोल्डन बॉय बने रहे
नशे की लत और राष्ट्रीय टीम के साथ नाकामी ने बाद में माराडोना की साख को ठेस पहुंचाई लेकिन फुटबॉल के दीवानों के लिए वह ‘गोल्डन बॉय ’ बने रहे.
ये भी पढ़ें- 'मेसी को 'भगवान' ना मानें, मैच से पहले 20 बार टॉयलेट जाते हैं'
साहसी, तेज तर्रार और हमेशा अनुमान से परे कुछ करने वाले माराडोना के पैरों का जादू पूरी दुनिया ने फुटबॉल के मैदान पर देखा. विरोधी डिफेंस में सेंध लगाकर बायें पैर से गोल करना उनकी खासियत थी. उनके साथ इतालवी क्लब नपोली के लिये खेल चुके सल्वाटोर बागनी ने कहा ,‘वह सब कुछ दिमाग में सोच लेते थे और अपने पैरों से उसे मैदान पर सच कर दिखाते थे.’
नशे की लत ने बिगाड़ी सेहत
बढ़ते मोटापे से कैरियर के आखिर में उनकी वह रफ्तार नहीं रह गई थी. वहीं 1991 में उन्होंने कोकीन का आदी होने की बात स्वीकारी और 1997 में फुटबॉल को अलविदा कहने तक इस लत ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. वह दिल की बीमारी के कारण 2000 और 2004 में अस्पताल में भर्ती हुए. नशे की लत के कारण उनकी सेहत गिरती रही. वह 2007 में हेपेटाइटिस के कारण अस्पताल में भर्ती हुए.
अर्जेंटीना के कोच के रूप में उन्होंने 2008 में फुटबॉल में वापसी की लेकिन दक्षिण अफ्रीका में 2010 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल से टीम के बाहर होने की गाज उन पर गिरी. इसके बाद वह संयुक्त अरब अमीरात के क्लब अल वस्ल के भी कोच रहे.
वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने माराडोना के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'महानतम खिलाड़ियों में से एक. महान डिएगो माराडोना के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना.
Arguably one of the greatest sportsman of all time. Saddened to hear about the passing away of the great Diego Maradona.
My heartfelt condolences to his family. pic.twitter.com/L7ewMHOnnJ— Virender Sehwag (@virendersehwag) November 25, 2020
सौरभ गांगुली ने ट्वीट किया, 'मेरे हीरो नहीं रहे... मेरे जीनियस रेस्ट इन पीस... मैं आपके लिए फुटबॉल देखता था.' गांगुली ने माराडोना के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की है.
My hero no more ..my mad genius rest in peace ..I watched football for you.. pic.twitter.com/JhqFffD2vr
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) November 25, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भी माराडोना के निधन पर दुख जताया. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'डिएगो मारडोना, एक लेजेंड हमें छोड़कर चला गया. वह एक जादूगर थे जिसने हमें दिखाया कि क्यों फुटबॉल को 'द ब्यूटिफुल गेम' कहा जाता है. उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. ग्रेसिया अर्जेंटीना.
Diego #Maradona, the legend has left us. He was a magician who showed us why football is called “The beautiful game”.
My condolences to his family, friends and fans.
Gracias Argentina.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 25, 2020
RIP #DiegoMaradona. God has reclaimed His hand. pic.twitter.com/RnRqRTuqDB
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 25, 2020
VIDEO