बेंगलुरू टी-20: जीत के बाद विराट कोहली का खुलासा- 'हार्दिक को देना चाहता था गेंदबाजी लेकिन 'दोनों' के सुझाव पर बदला अपना फैसला'
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बेंगलुरू टी-20: जीत के बाद विराट कोहली का खुलासा- 'हार्दिक को देना चाहता था गेंदबाजी लेकिन 'दोनों' के सुझाव पर बदला अपना फैसला'

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उन्हें सीमित ओवरों के प्रारूप में फैसले लेने में महेंद्र सिंह धोनी के अपार अनुभव का फायदा मिल रहा है। कोहली अभी सीमित ओवरों के क्रिकेट में कप्तानी के मायने में काफी नये हैं। भारत ने बीती रात तीसरे और अंतिम टी20 में 75 रन की विशाल जीत दर्ज करने के बाद टी20 सीरीज 2-1 से अपने नाम की।

बेंगलुरू टी-20: जीत के बाद विराट कोहली का खुलासा- 'हार्दिक को देना चाहता था गेंदबाजी लेकिन 'दोनों' के सुझाव पर बदला अपना फैसला'

बेंगलुरू : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उन्हें सीमित ओवरों के प्रारूप में फैसले लेने में महेंद्र सिंह धोनी के अपार अनुभव का फायदा मिल रहा है। कोहली अभी सीमित ओवरों के क्रिकेट में कप्तानी के मायने में काफी नये हैं। भारत ने बीती रात तीसरे और अंतिम टी20 में 75 रन की विशाल जीत दर्ज करने के बाद टी20 सीरीज 2-1 से अपने नाम की। कोहली ने कहा, ‘हालांकि मैं टेस्ट प्रारूप में कप्तानी कर रहा था लेकिन वनडे और टी20 मैच काफी तेज होते हैं। इसलिये ऐसे व्यक्ति (धोनी) से अहम मौकों पर सलाह लेना, जिसने इस स्तर के क्रिकेट की टीम की काफी लंबे समय तक कप्तानी की हो और वह खेल को अच्छी तरह समझता हो, कोई बुरा विचार नहीं है।’

इस युवा कप्तान ने खुलासा किया कि शानदार प्रदर्शन करने वाले युजवेंद्र चाहल के गेंदबाजी कोटे के खत्म होने के बाद वह हार्दिक पंड्या से गेंदबाजी कराना चाहते थे लेकिन धोनी और आशीष नेहरा ने गेंद जसप्रीत बुमराह को देने की सलाह दी जिन्होंने तीन गेंद में दो विकेट चटकाकर मैच खत्म किया।कोहली ने कहा, ‘चाहल के तुरंत बाद बुमराह को गेंदबाजी के लिये लाने से पहले मैं हार्दिक पंड्या को एक ओवर देने के बारे में सोच रहा था। (धोनी और नेहरा ने) सुझाव दिया कि 19वें ओवर तक इंतजार मत करो, बल्कि मुख्य गेंदबाजों को लगाओ। इसलिये इस तरह की चीजें बहुत मदद करती हैं जब आप सीमित ओवरों के प्रारूप में नये कप्तान हों। ’

कोहली ने कहा, ‘लेकिन मैं कप्तानी में नया नहीं हूं, लेकिन छोटे प्रारूपों में अगुवाई के लिये जिस तरह के कौशल की जरूरत होती है, उसे समझने में संतुलन होना चाहिए। महेंद्र सिंह धोनी इसमें काफी मददगार रहे हैं। ’ उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ने काफी तेज प्रगति की है, जिसमें काफी युवा खिलाड़ी मौजूद हैं।

कोहली ने कहा, ‘हमें वैसे ही परिणाम मिले, जैसे हम चाहते थे। निश्चित रूप से तीनों सीरीज में जीतकर काफी अच्छा महसूस हो रहा है, सचमुच अब काफी अच्छा है क्योंकि हम अब शीर्ष स्तर की टीम के खिलाफ खेलेंगे। हम समझते हैं कि यह जानते हुए कि हमारी टीम में इतने अनुभवी खिलाड़ी मौजूद नहीं हैं, उसके बावजूद सभी तीनों सीरीज में अव्वल आने के बाद अच्छा लगता है। ’ उन्होंने कहा, ‘टेस्ट टीम भी उतनी ही अच्छी है। वनडे में भी हमारे पास तीन-चार अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन बाकी सारे खिलाड़ी जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है, सभी युवा हैं। जो मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट के लिये काफी मनोबल बढ़ाने वाला है। ’ कोहली ने कहा कि सभी तीनों सीरीज जीतने की सबसे अच्छी बात यह है कि ‘युवा खिलाड़ी व्यक्तिगत प्रदर्शन के बजाय टीम के लिये मैच जीतने के लिये भूखे थे।’ उन्होंने कहा कि स्पिनर युजवेंद्र चाहल के मध्य ओवरों में विकेट चटकाने से उनके लिये काम आसान हो गया।

कोहली ने कहा, ‘अगर हमें मध्य के ओवरों में विकेट नहीं मिलते तो बेंगलुरू में कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। कोई भी स्कोर ज्यादा बड़ा नहीं लगता और दुनिया का कोई भी बल्लेबाजी लाइनअप अंत में फटाफट रन जुटाता है। इसलिये इस मैच में हमारे लिये अहम चीज मध्य के ओवरों में विकेट हासिल करना रही और चाहल ने ये विकेट हासिल कर काफी अच्छा काम किया। ’उन्होंने यह भी कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम के आउट होने का आईपीएल नीलामी में इंग्लैंड के खिलाड़ियों के चुने जाने पर कोई असर नहीं होगा। मेहमान टीम ने आठ रन के अंदर आठ विकेट गंवा दिये थे और मैच में बुरी तरह हार गयी थी। कोहली ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस प्रदर्शन से किसी के भी आईपीएल में चुने जाने के मौके पर कोई प्रभाव पड़ेगा। यह निर्भर करता है कि कौन सी टीम किसे चाहती है जो उनकी टीम को बेहतर संतुलन प्रदान करे। ’

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