B'Day Special: क्रिकेट से लेकर कॉमेंट्री, फिर राजनीति, सिद्धू आज भी हैं लाजवाब
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B'Day Special: क्रिकेट से लेकर कॉमेंट्री, फिर राजनीति, सिद्धू आज भी हैं लाजवाब

नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों क्रिकेट से दूर राजनीति में हैं लेकिन वहां भी वे अपनी बल्लेबाजी की तरह बेबाक हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों राजनीति में पूरी तरह से व्यस्त हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: नवजोत सिंह सिद्धू आज एक ऐसा नाम है जो केवल क्रिकेट तक ही सीमित नहीं कभी टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रहे सिद्धू आज भी चहेते कॉमेंटेटर हों लेकिन इन दिनों वे राजनीति में अपने ही अंदाज में मैदान पर डटे हैं नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं. करीब एक साल पहले उन्होंने अपनी राजनैतिक पार्टी बदली थी, लेकिन उनके अंदाज और यहां तक की मुद्दों को लेकर उनकी सोच वही है जो कभी किसी पार्टी में नहीं बंधी. उनकी यही धाकड़ सोच उनके खेल और उनकी कॉमेंट्री तक में नजर आती है. 

  1. नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल पंजाब में मंत्री में
  2. साल भर पहले ही वे कांग्रेस में शामिल हुए थे
  3. सिद्धू के कई क्रिकेटीय रिकॉर्ड अभी तक नहीं टूटे हैं

कुछ महीने पहले ही जब पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और उनके दोस्त इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने सिद्दू को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया तो सिद्धू ने इसे मौके के तौर पर देखा और खुलकर कहा कि वे न्यौता मिले तो पाकिस्तान जरूर जाएंगे. उस समय पाकिस्तान से भारतीय राजनीति में उसके आंतकवाद को समर्थन करने के रवैये को लेकर खासे नाराज से सरकार पाकिस्तान से बातचीत को खारिज कर रही थी और विपक्षी कांग्रेस तक भी पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे पर सरकार को मौन ही सही लेकिन समर्थन दे रही थी. लेकिन सिद्दू इसे मौके के तौर पर देखते रहे और वे कार्यक्रम में गए यहां तक कि आलोचना भी झेली. 

धाकड़ बल्लेबाज रहे सिद्धू
सिद्धू का अपने एजेंडे पर कायम रहने का यह अंदाज उनके क्रिकेटीय करियर में भी दिखा. वे बेबाकी से बल्लेबाजी करते थे गेंदबाजों तक को अंदाज नहीं होता था कि सिद्दू कब किस गेंद पर आगे बढ़कर छक्का मार दें. वे अभी सक्रिय क्रिकेट से भले ही दूर हों लेकिन क्रिकेट में उनकी चर्चा होती ही रहती है.

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नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म 20 अक्तूबर 1963 को पंजाब राज्य के पटियाला जिले में हुआ था. सिद्धू के पिता सरदार भगवंत सिंह सिद्धू भी एक क्रिकेट खिलाड़ी थे और वह अपने बेटे नवजोत को एक क्रिकेटर के रूप में देखना चाहते थे. सिद्धू ने अपने पिता के इस सपने को पूरा किया और 1983 से लेकर 1999 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला. शुरुआती दो टेस्ट मैच खेलने के बाद सिद्धू को टीम से बाहर बैठना पड़ा, लेकिन पांच साल के लंबे संघर्ष के बाद उनकी किस्मत बदली और उन्हें 1987 के वर्ल्ड कप में मौका मिला. 

87 के वर्ल्डकप ने किया स्थापित
सिद्धू ने 1987 वर्ल्ड कप के मौके का फायदा उठाया और टीम इंडिया में जम गए. उन्होंने ने सिर्फ 20 साल की उम्र में भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किया और अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक लगा डाला. सिद्धू ने अपने क्रिकेट करियर में ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिन्हें आज तक कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं तोड़ सका. 

एक टेस्ट पारी में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड
सिद्धू भारत की तरफ से एक पारी में सर्वाधिक छक्के जड़ने का रिकॉर्ड आज भी नहीं टूटा है. नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 1994 में श्रीलंका के खिलाफ लखनऊ में एक टेस्ट पारी में 8 छक्के जड़े थे.  सिद्धू के बाद इस लिस्ट में 7 छक्कों के साथ हार्दिक पांड्या, वीरेंद्र सहवाग और हरभजन सिंह हैं. हार्दिक पांड्या ने 2017 में श्री लंका के खिलाफ, सहवाग ने साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ और हरभजन सिंह ने साल 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 छक्के लगाए थे.

पहले चार वनडे में लगातार अर्धशतक
नवजोत सिंह सिद्धू अपने पहले चार वनडे मैचों में लगातार अर्धशतक जड़ने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. 1987 के वर्ल्ड कप में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पहले ही एकदिवसीय मैच में 73 रन की धुंआधार पारी खेली, लेकिन वो अपनी टीम को ऑस्ट्रेलिया से होने वाली हार से नहीं बचा पाए. इस मैच के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू सुर्खियों में आ गए थे.1987 वर्ल्ड कप के पांच में चार मैचो में उन्होंने अर्द्धशतक बनाए और भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाया. सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला इंग्लैंड से था. इस मैच में सिद्धू का बल्ला नहीं चला और भारत को हार का मुंह देखना पड़ा. इस हार के साथ ही भारत विश्वकप की दौड़ से भी बाहर हो गया. 

बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है सिद्दू का
नवजोत सिंह सिद्धू ने 1993, 1994 और 1997 में 500 से ज्यादा टेस्ट रन बनाए थे. 1997 में वेस्ट इंडीज दौरे में उन्होंने अपना एकमात्र टेस्ट में दोहरा शतक लगाया था. टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 201 था जो उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ लगाया था.  सिद्धू ने अपना पहला वनडे शतक 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में लगाया था. इसके बाद 1993 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने एकदिवसीय करियर की 134 रन की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी. उन्होंने भारत के लिए 51 टेस्ट मैचो में 42.13 की औसत से 3212 रन बनाए, जिसमें उनके 9 शतक और 14 अर्धशतक शामिल है जबकि अपने 136 वनडे मैचों में नवजोत ने 37.08 की औसत से 4413 रन बनाए, जिसमें 6 शतक और 33 अर्द्धशतक शामिल है.अपनी शानदार बल्लेबाजी की वजह से ही उन्हें 'सिक्सर सिद्दू' कहकर पुकारा जाता था. 

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