विदर्भ टीम के कप्तान फजल बोले, 'मेरे दिमाग एक ही बात थी कि हमें रणजी ट्रॉफी जीतनी है'
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विदर्भ टीम के कप्तान फजल बोले, 'मेरे दिमाग एक ही बात थी कि हमें रणजी ट्रॉफी जीतनी है'

लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली विदर्भ टीम के कप्तान फैज फजल ने कहा कि हमने साबित किया टीम का पिछला खिताब तुक्का नहीं था.

विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में सौराष्ट्र को 78 रनों से मात देकर दूसरी बार खिताब जीता है.

नागपुर: लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली विदर्भ टीम के कप्तान फैज फजल ने गुरुवार को कहा कि टीम का पिछला खिताब तुक्का नहीं था और उसके पीछे अथक मेहनत थी. फजल ने कहा कि इस सीजन हमने अपना खिताब बचा कर इस बात को साबित कर दिया. विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में सौराष्ट्र को 78 रनों से मात देकर दूसरी बार खिताब जीता है. वह इसी के साथ रणजी ट्रॉफी में ऐसी छठी टीम बन गई है जिसने अपना खिताब बचाया है.

वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने फजल के हवाले से लिखा, "हम पर दवाब था लेकिन यह सकारात्मक था. जब आपकी टीम अच्छा करती है तो उम्मीदें बढ़ जाती हैं. उम्मीदें तब ही आती हैं जब आप अच्छा करते हैं."
कप्तान ने कहा, "रणजी ट्रॉफी जीतना आसान बात नहीं है. 11 मैच जीतना तुक्का नहीं है. पिछले सीजन हमारे खिताब जीतने पर अगर किसी ने सोचा हो कि वह तुक्का था तो हमने इस बार अपने आप को साबित किया है. प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट जीतने के लिए आपको अच्छा खेलना होता है. आप किसी टीम को हल्के में नहीं ले सकते."

कप्तान फैज फजल ने कहा, ‘‘हमने पिछले दो साल में कड़े अनुशासन का पालन किया है. ईमानदारी से कहूं तो यह धीमी प्रक्रिया है. हर किसी को एक ही दिशा में सोचना था. एकजुटता पर काफी अहमियत दी गई. पहले दिन से ही मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी कि हमें ट्रॉफी जीतनी है. ’’ 

सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने कहा कि मैच गंवाना काफी दुखदायी रहा लेकिन वह हताश नहीं हुए हैं. यह तीसरी बार है जब सौराष्ट्र की टीम फाइनल में पहुंची लेकिन अंतिम बाधा पार नहीं कर पायी. 
उनादकट ने कहा, ‘‘कोई भी हार निराशाजनक होती है. मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि यह ज्यादा दर्दभरी थी. ऐसा इसलिये क्योंकि हमने काफी अच्छा क्रिकेट खेला. हमने चुनौती दी. हमारे दो तीन खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने पदार्पण किया और फिर भी वे अनुभवी खिलाड़ी की तरह खेले. मैं उनके प्रदर्शन से खुश हूं और मुझे इस युवा खिलाड़ियों की टीम की अगुवाई करने पर गर्व है. ’’ 

फाइनल में दिखा इस टीम का जज्बा : पंडित
उधर, विदर्भ के कोच चंद्रकांत पंडित को अपने खिलाड़ियों पर पूरा गर्व है जिन्होंने लगातार दूसरा रणजी ट्रॉफी खिताब हासिल करने के दौरान प्रतिद्वंद्वियों को दबाव में डालने से पहले खुद भी दबाव का डटकर सामना किया. देश के सर्वश्रेष्ठ घरेलू कोचों में शुमार पंडित ने अपने रणनीतिक कौशल और अनुशासन के बूते विदर्भ को लगातार दूसरा खिताब दिलाया. 

पंडित ने फाइनल के बाद कहा, "हां, दबाव था कि हम उस ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन कर पायेंगे या नहीं और हमने उस प्रदर्शन को बरकरार रखने की प्रक्रिया अपनायी. मैं इस प्रक्रिया की व्याख्या नहीं करूंगा लेकिन हमने क्रिकेट बेसिक्स पर काम किया." वर्ष 1934 के बाद से शुरू हुए रणजी टूर्नामेंट के बाद से विदर्भ से पहले केवल पांच टीमें ऐसी हैं जो लगातार ट्रॉफी जीतने की उपलब्धि हासिल कर पाई हैं.

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