Time Out Controversy : लास्ट बॉल पर छक्के की जरूरत और बॉलर ने गुड़कउआ फेंक दिया, 42 साल पहले हुई 'बेईमानी'
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Time Out Controversy : लास्ट बॉल पर छक्के की जरूरत और बॉलर ने गुड़कउआ फेंक दिया, 42 साल पहले हुई 'बेईमानी'

World Cup 2023: वर्ल्ड कप 2023 में बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच 6 नवंबर 2023 को हुआ. जब भी क्रिकेट विवादों की बात की जाएगी तब एंजेलो मैथ्यूज का टाइम आउट याद आएगा. भले ही इस मैच में बांग्लादेश 3 विकेट से जीत गया हो, लेकिन एंजेलो मैथ्यूज टाइम आउट ने क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया है. इस वाकये से 1981 में हुए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड मैच की यादें ताजा हो गईं, जहां मैच जीतने के लिए के एक कप्तान 'बेईमानी' पर ही उतर आया.

Time Out Controversy : लास्ट बॉल पर छक्के की जरूरत और बॉलर ने गुड़कउआ फेंक दिया, 42 साल पहले हुई 'बेईमानी'

World Series Cup Final, 1981: वर्ल्ड सीरीज कप का फाइनल मैच. मैच टाई करने के लिए आखिरी गेंद पर 6 रनों की जरूरत. गेंदबाज रनअप लेते हुए गेंद फेंकने को तैयार... इसके बाद हुआ कुछ ऐसा जिससे क्रिकेट जगत में भूचाल आ गया. गेंदबाजी कर रही टीम का कप्तान मैच जीतने के लिए बेईमानी पर ही उतर आया. ये सब वर्ल्ड कप 2023 के 38वें मैच में बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच हुए मैच में याद आ गया. इस मैच में बांग्लादेश 3 विकेट से जीत गया, लेकिन एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट दिए जाने को लेकर बहस छिड़ गई है. 6 नवंबर 2023 को हुआ ये मैच जब भी क्रिकेट विवादों की बात की जाएगी तब याद आएगा.

एंजेलो मैथ्यूज को दिया गया टाइम आउट 

दरअसल, श्रीलंका की बल्लेबाजी के दौरान सदीरा समाराविक्रमा आउट हुए. इसके बाद बल्लेबाजी के लिए एंजेलो मैथ्यूज क्रीज पहुंचे. जैसे ही वह हेलमेट लगाने लगे तो उसका स्ट्रैप टूट गया. उन्होंने ड्रेसिंग रूम से दूसरा हेलमेट लाने का इशारा किया, लेकिन इसमें समय लग गया. इस बीच बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने मैथ्यूज के खिलाफ टाइम आउट की अपील की और अंपायर मराइस इरासमस ने उन्हें आउट करार दे दिया. वह इस तरह से आउट दिए जाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं.

शाकिब और अंपायर से की बात  

बता दें कि मैथ्यूज ने पवेलियन लौटने से पहले शाकिब अल हसन से बात की लेकिन वो मानने को राजी नहीं थे. इसके बाद उन्होंने अंपायर को टूटा स्ट्रैप दिखाते हुए बात की, लेकिन अंपायर का फैसला आउट ही था. आखिर में मैथ्यूज को पवेलियन ही लौटना पड़ा. वह इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं थे. हालांकि, मैथ्यूज ने मैच के बाद कहा, 'हमारे पास वीडियो प्रूफ है और मैं क्रीज पर पहुंच चुका था. मेरे पास 5 सेकंड भी बचे हुए थे.' इस वाकये से 1981 में  हुआ ऑस्ट्रेलिया और न्यूजलैंड मैच याद आ गया, जहां जीत के लिए ऑस्ट्रेलियाई कप्तान 'बेईमानी' पर ही उतर आए.

वर्ल्ड सीरीज कप का फाइनल 

1981 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड सीरीज कप का फाइनल मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा था. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट खोकर 235 रन बनाए थे. तत्कालीन कप्तान ग्रेग चैपल ने 90 रन की बेहद जरूरी पारी खेली. टारगेट का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड के ओपनर ब्रूस एडगर ने नाबाद सेंचुरी ठोकी. उन्होंने इस मैच में 102 रन बनाए. टीम को वह खुद के दम पर जीत की तरफ ले पहुंचे थे लेकिन अंत में हार झेलनी पड़ी. न्यूजीलैंड को मैच जीतने के आखिरी ओवर में 15 रन की दरकार थी. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने इस ओवर की जिम्मेदारी अपने भाई ट्रेवर चैपल को दी.

आखिर गेंद पर 6 रन की दरकार और...

मैच आखिरी गेंद तक आ पहुंचा और न्यूजीलैंड को टाई करने के लिए आखिरी गेंद पर 6 रनों की जरूरत थी. वहीं, ऑस्ट्रेलिया हर हाल में मैच जीतना चाहता था. ऐसे में कप्तान ग्रेग चैपल ने अपने भाई के साथ मिलकर प्लान बनाया कि ट्रेवर चैपल अंडरआर्म गेंद फेंकेंगे. दिलचस्प बात देखिए कि न्यूजीलैंड टीम का 11वें नंबर का खिलाड़ी सामने था. ग्रेग के सर पर जीत का भूत इतना सवार था कि वह 11वें नंबर के बल्लेबाज से डर गए और अंडरआर्म गेंद फेंकेंगे को कह दिया. खास यह था कि दोनों अंपायरों को भी बता दिया गया था कि यह गेंद अंडरआर्म होगी. ट्रेवर ने छोटे भाई ग्रेग की सलाह मानते हुए अंडरआर्म गेंद फेंकीं. बल्लेबाज ब्रायन मेक्नी ये हरकत देख तिलमिला उठे और बल्ला जमीन पर ही दे मारा. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 6 रनों से अपने नाम कर लिया. उस समय अंडर आर्म गेंद को न फेंकने को लेकर कोई नियम नहीं था, लेकिन अपनी इस हरकत पर ग्रेग चैपल को शर्मसार होना पड़ा. इसके बाद से ही क्रिकेट में अंडर आर्म गेंद फेंकने पर बैन लगाया गया.

अंडर आर्म बॉल फेंकने पर लगा बैन

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) को ग्रेग चैपल की इस हरकत के बाद क्रिकेट के नियमों में बदलाव करना पड़ा. वनडे मैचों में अंडरआर्म गेंदबाजी को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया गया. काफी समय बाद ग्रेग चैपल ने भी अपनी यह गलती स्वीकारी. ये विवाद क्रिकेट के उन विवादों में से एक रहा जिसने क्रिकेट जगत को शर्मसार कर दिया.

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