Analysis: रायडू और खलील ने दूर की टीम इंडिया की कमजोरी, विंडीज को भी मिले 3 मैच-विनर
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Analysis: रायडू और खलील ने दूर की टीम इंडिया की कमजोरी, विंडीज को भी मिले 3 मैच-विनर

मेजबान भारत ने वेस्टइंडीज से तीनों ही सीरीज आसानी से जीत लिए. कैरेबियाई टीम भारत दौरे पर सिर्फ एक वनडे मैच जीत सकी. हालांकि, उसे इस सीरीज में हेटमायर, होप और थॉमस के रूप में तीन मैचविनर जरूर मिले.

युजवेंद्र चहल (बाएं) ने तीसरे टी20 मैच में भारत की ओर से सबसे अधिक दो विकेट झटके. (फोटो: IANS)

नई दिल्ली: भारत ने उम्मीद के मुताबिक वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई सीरीज जीत के साथ खत्म की. उसने सीरीज के दोनों टेस्ट जीते. वनडे सीरीज 3-1 से अपने नाम की और अब टी20 सीरीज में विरोधी टीम का 3-0 से सफाया कर दिया. लेकिन किसी भी सीरीज के खात्मे पर सिर्फ जीत-हार की बात नहीं की जा सकती. आपको यह भी देखना होगा कि किसी सीरीज से किसी टीम को क्या हासिल हुआ या उसने क्या गंवाया. और इस लिहाज से यह सीरीज दोनों ही टीमों को आगे लेकर जाएगी. 

पहले बात टीम इंडिया की. वेस्टइंडीज सीरीज शुरू होने से पहले भारतीय टीम टेस्ट में ओपनरों के फेल होने से परेशान थी. जबकि, वनडे में मिडिलऑर्डर की बैटिंग और तीसरा तेज गेंदबाज कमजोरी थी. अब सीरीज खत्म हो चुकी है तो यह कहा जा सकता है कि भारत को पृथ्वी शॉ के रूप में ऐसा ओपनर मिल चुका है, जिसे लंबी रेस का घोड़ा माना जा सकता है. जबकि, वनडे टीम की बात करें तो अंबाती रायडू और खलील अहमद ने उम्मीदें जगाई हैं. कप्तान विराट कोहली तो कई बार कह चुके हैं कि अंबाती के आने से टीम इंडिया की नंबर-4 की समस्या सुलझ चुकी है. भारतीय टीम तीन साल से नंबर-4 पर 10 से अधिक बल्लेबाजों को आजमा चुकी थी. उम्मीद है रायडू के आने से टीम इंडिया का नंबर-4 का प्रयोग थम जाएगा. 

खलील ने उमेश-शमी को पीछे छोड़ा 
20 साल के खलील अहमद, जिन्होंने सितंबर में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, वे अब वर्ल्ड कप के लिहाज से तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में देखे जा रहे हैं. राजस्थान के इस गेंदबाज ने महज दो महीने के अपने इंटरनेशनल करियर में मोहम्मद शमी और उमेश यादव पर वरीयता हासिल कर ली है. टीम प्रबंधन का मानना है कि खलील बाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के कारण पेस अटैक को वह वैरायटी देते हैं, जो किसी भी विनिंग टीम के लिए जरूरी है. रायडू और खलील के अलावा रोहित शर्मा का जिक्र भी जरूरी है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वेस्टइंडीज के खिलाफ और एशिया कप में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ही रोहित शर्मा टेस्ट टीम में वापसी करने में कामयाब रहे. 

एमएस धोनी की टी20 पारी का अंत...
वेस्टइंडीज से यह सीरीज एमएस धोनी की टी20 पारी खत्म होने के लिए भी याद रखी जाएगी. उन्हें ना सिर्फ वेस्टइंडीज, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 21 नवंबर से होने वाली टी20 सीरीज के लिए भी टीम में नहीं चुना गया. उन्हें ‘ड्रॉप’ करते हुए यह कहा गया कि वे 2020 में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में नहीं खेलेंगे, इसलिए उन्हें टीम में नहीं चुना गया. लेकिन जो बात नहीं कही गई, वह यह कि टीम इंडिया शायद 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के लिए भी धोनी की जगह ले सकने वाला विकेटकीपर तैयार कर रही है. यकीनन, टीम इंडिया के कोच, कप्तान, उपकप्तान सभी कह रहे हैं कि धोनी वर्ल्ड कप-2019 में खेलेंगे. पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि धोनी बैटिंग में बुरी तरह और बार-बार फेल हो रहे हैं. ऐसे में हैरानी नहीं होनी चाहिए कि टीम प्रबंधन आखिरी में आउट ऑफ फॉर्म धोनी की बजाय इनफॉर्म ऋषभ पंत या दिनेश कार्तिक के साथ वर्ल्ड कप में उतरे. 

हेटमायर, थॉमस और शाई बने कैरेबियाई होप...
वेस्टइंडीज टीम की बात करें तो वह टेस्ट सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप रही. लेकिन उसने वनडे सीरीज के पहले तीन मैचों में जिस तरह प्रदर्शन किया, वह किसी भी कैरेबियाई प्रशंसक के लिए गौरव का विषय हो सकता है. वेस्टइंडीज की वनडे रैंकिंग नौ है. भारत की रैंकिंग दूसरी है. ऐसे में कैरेबियाई टीम से कोई भी यह उम्मीद नहीं कर रहा था कि वह क्रिस गेल, आंद्रे रसेल, सुनील नरेन के बिना भी भारत को हराएगी, टाई मैच खेलेगी और 300 से बड़ा स्कोर भी बनाएगी. लेकिन उसने सबको चौंकाते हुए एक समय सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली. उसके बेहतरीन प्रदर्शन ने ही भारत को रेस्ट दिए जा चुके अपने गेंदबाजों भुवनेश्वर और जसप्रीत बुमराह को वापस बुलाने को मजबूर किया. इसमें कोई शक नहीं कि विंडीज को भारत दौरे पर शिमरोन हेटमायर, शाई होप और ओशाने थॉमस के रूप में तीन मैचविनर मिले, जो कैरेबियाई क्रिकेट का स्तर ऊपर उठाने में सक्षम है.

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