आईपीएल के मेगा ऑक्शन (IPL Mega Auction) की वजह से टीम का पूरा स्ट्रक्चर बिगड़ जाता और फ्रेंचाइजी को नए सिरे से प्लेयर्स की खरीदारी करनी पड़ती जो परेशानी का सबब होता है.
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नई दिल्ली: आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजियों ने 30 नवंबर 2021 तक अपने खिलाड़ियों की रिटेंशन लिस्ट बीसीसीआई को सौंप दी है. अब नई और पुरानी टीम एक दूसरे से मेगा ऑक्शन (IPL 2022 Mega Auction) में भिड़ेंगी जहां बिंडिंग वॉर देखने को मिल सकता है.
आईपीएल 2022 का मेगा ऑक्शन (IPL 2022 Mega Auction) अगले साल जनवरी में आयोजित किया जा सकता है. ऐसी खबरें आईं हैं कि ये टूर्नामेंट के इतिहास का आखिरी मेगा ऑक्शन साबित हो सकता है.
अब आखिरी बार होगा मेगा ऑक्शन!
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक फ्रेंचाइजियों के साथ-साथ ज्यादातर स्टेक होल्डर्स इस तरह की बड़ी नीलामी को बेवजह की चीज मानते हैं. ये सभी इस आइडिया से खुश हैं कि अगले साल आखिरी दफा मेगा ऑक्शन (Mega Auction) होगा.
इस आइडिया से सभी टीम खुश
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, 'हम सचमुच ये मानते हैं कि ये आखिरी मेगा ऑक्शन होगा, क्यों ये ट्रेंड पुराना हो गया है. इस वजह से फ्रेंचाइजियों पर प्रेशर बढ़ गया है क्योंकि उन्होंने बेहतर सेलेक्शन करना होगा, क्योंकि वो इन खिलाड़ियों के साथ फ्यूचर टीम तैयार कर रहे होंगे.'
मेगा ऑक्शन क्यों है सिरदर्द?
आईपीएल के मेगा ऑक्शन (IPL Mega Auction) की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि हर 3-4 साल में नए सिरे से पुरी टीम तैयार करनी पड़ती है जो किसी भी फ्रेंचाइजी के लिए परेशानी का सबब है. मेगा ऑक्शन खत्म होने से सभी के कोर प्लेयर्स टीम में बरकरार रख पाएंगे ये सभी के लिए फायदे का सौदा है.