भारत का सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर! 7 साल से टीम इंडिया में मौके के लिए तरस रहा
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भारत का सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर! 7 साल से टीम इंडिया में मौके के लिए तरस रहा

भारत का एक क्रिकेटर ऐसा है, जिसका करियर राजनीति का शिकार होते हुए लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. इस क्रिकेटर ने अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ दिया था, लेकिन इसके बावजूद उसका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर लगभग खत्म हो गया है.

भारत का सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर! 7 साल से टीम इंडिया में मौके के लिए तरस रहा

भारत का एक क्रिकेटर ऐसा है, जिसका करियर राजनीति का शिकार होते हुए लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. इस क्रिकेटर ने अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ दिया था, लेकिन इसके बावजूद उसका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर लगभग खत्म हो गया है. अगर इस खिलाड़ी को मौका मिलता तो ये आज टीम इंडिया के सबसे बड़े स्टार क्रिकेटर्स में शुमार होता. आइए एक नजर डालते हैं इस क्रिकेटर पर:

भारत का सबसे बदकिस्मत क्रिकेटर

भारत के बल्लेबाज करुण नायर ने अपने टेस्ट करियर के तीसरे ही टेस्ट मैच में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ तिहरा शतक जड़ दिया था. ऐसा रिकॉर्ड इससे पहले वीरेंद्र सहवाग के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज नहीं बना पाया था. इस तिहरे शतक के बाद ही करुण नायर के करियर की उल्टी गिनती शुरू हो गई. करुण नायर को आखिरी बार मार्च 2017 में टीम इंडिया की ओर से खेलते हुए देखा गया था. तिहरा शतक बनाना हर टेस्ट स्पेशलिस्ट का सपना होता है. लेकिन, उनके इस योगदान को जैसे भारतीय चयनकर्ताओं ने पूरी तरह से भुला दिया.

7 साल से टीम इंडिया में मौके के लिए तरस रहा

करुण नायर को इंग्लैंड के खिलाफ साल 2018 में खेली गई टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें पूरे दौरे पर एक भी मैच में नहीं खिलाया गया. करुण नायर ने भारतीय टीम के तब के कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री पर बड़े आरोप लगाए थे. करुण नायर ने कहा था कि मैं इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की टीम में शामिल था, लेकिन प्लेइंग इलेवन में मुझे एक भी मैच में शामिल नहीं किया गया. इस दौरान ना तो मुझे कोच ना कप्तान और ना ही चयनकर्ताओं ने बताया, कि मैं टीम से क्यों बाहर हूं. मुझसे किसी ने भी कोई बात नहीं की. भारतीय ओपनर मुरली विजय ने भी चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए थे. मुरली विजय ने कहा था कि चयनकर्ताओं में संवाद की कमी हैं. वह खिलाड़ी को टीम से बाहर करने पर किसी भी खिलाड़ी को उसकी कमी नहीं बताते हैं. इससे हमें भी पता नहीं चल पाता हैं कि चयन का क्या मापदंड है.

चेन्नई में तिहरा शतक जड़ा

जब करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में तिहरा शतक जड़ा था, तब ऐसा लग रहा था कि करुण नायर लंबी रेस का घोड़ा हैं, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. तिहरा शतक बनाने के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि टीम इंडिया के तब के कप्तान विराट कोहली टीम से अजिंक्य रहाणे को बाहर नहीं करना चाहते थे. अजिंक्य रहाणे को मौके देने के चक्कर में करुण नायर को बाहर होना पड़ा. करुण नायर को अगर और मौके दिए जाते तो वह भारत के बड़े क्रिकेट स्टार बन सकते थे.

टीम इंडिया के लिए सिर्फ 6 टेस्ट मैच ही खेले

करुण नायर ने अपना टेस्ट डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ नवंबर 2016 में किया था और उसके बाद वो आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च 2017 में खेलते हुए दिखाई दिए थे. उन्होंने अपने करियर में मात्र 6 टेस्ट मैच ही खेले हैं और 62.33 की औसत के साथ 374 रन बनाए हैं. टेस्ट में उनका हाई स्कोर 303 रन है. हालांकि नायर को खुद इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि आखिर उन्हें क्यों बेहतरीन प्रदर्शन के बाद टीम में तवज्जो नहीं दिया गया.

सेलेक्टर्स नहीं दे रहे कोई भी मौका

करुण नायर को इंग्लैंड के खिलाफ साल 2018 में खेली गई टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें पूरे दौरे पर एक भी मैच में नहीं खिलाया गया. इंग्लैंड में जो उनके साथ हुआ संभवत: वह चीज उनके मानसिक स्तर पर असर डाला. वह स्क्वॉड में थे, लेकिन उनकी जगह हनुमा विहारी को मौका मिला. करुण नायर सबसे कम टेस्‍ट पारियों में तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के पहले बल्‍लेबाज तो बने थे, लेकिन 7 साल से वो टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए तरस रहे हैं.

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