अजूबा: 680 ओवर.. इतिहास का सबसे लंबा टेस्ट मैच, 11 दिन के बाद भी नहीं निकला रिजल्ट, अंपायर्स का चकराया माथा
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अजूबा: 680 ओवर.. इतिहास का सबसे लंबा टेस्ट मैच, 11 दिन के बाद भी नहीं निकला रिजल्ट, अंपायर्स का चकराया माथा

Unique Cricket Records: मॉडर्न क्रिकेट के दौर में कई खिलाड़ी टेस्ट खेलने से कतराते हैं. 5 दिन चलने वाले इस फॉर्मेट में खिलाड़ियों की असली परीक्षा होती है फिर बात चाहे बल्लेबाज की हो या गेंदबाज की. लेकिन एक दौर था जब क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा टेस्ट मैच खेला गया और खिलाड़ियों ने 11 दिन तक मुकाबला खेला था. 

 

Test Match

Test Records: मॉडर्न क्रिकेट के दौर में कई खिलाड़ी टेस्ट खेलने से कतराते हैं. 5 दिन चलने वाले इस फॉर्मेट में खिलाड़ियों की असली परीक्षा होती है फिर बात चाहे बल्लेबाज की हो या गेंदबाज की. लेकिन एक दौर था जब क्रिकेट इतिहास का सबसे लंबा टेस्ट मैच खेला गया और खिलाड़ियों ने 11 दिन तक मुकाबला खेला था. यह मुकाबला 85 साल पहले इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया था. जब रिजल्ट देखने के लिए तरस गए थे.

इंग्लैंड ने किया था साउथ अफ्रीका का दौरा

इंग्‍लैंड की टीम ने 5 मैच की टेस्‍ट सीरीज के लिए साउथ अफ्रीका दौरा किया था. आखिरी मुकाबले में इस मुकाबले ने क्रिकेट इतिहास में नायाब रिकॉर्ड कायम किया. साउथ अफ्रीका के कप्‍तान एनल मेलवेल ने टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी का फैसला लिया. मेजबान टीम ने 2 दिन तक खूब रन बनाए और तीसरे दिन रेस्ट किया. चौथे दिन के खेल में साउथ अफ्रीका की टीम 530 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. 

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11 दिन चला मुकाबला

इंग्लैंड ने 2 दिन तक बल्‍लेबाजी करने के बाद पहली पारी में 316 रन बना लिए थे. दूसरी पारी में उतरी साउथ अफ्रीका ने फिर रनों की बौछार की और 481 स्कोरबोर्ड पर टांग दिए थे. जिसके बाद इंग्लैंड के सामने 696 रन का लक्ष्य था. इंग्लैंड की तरफ से बिल एडरिच ने डबल सेंचुरी ठोक टीम को जीत के करीब ला दिया. इंग्‍लैंड ने 654 रन बोर्ड पर लगा दिए थे. 11वें दिन तक पहुंचते गेंदबाजों की हालत बुरी हो चुकी थी.

क्यों नहीं निकल पाया मैच का रिजल्ट?

इंग्लैंड की टीम जीत से महज 42 रन दूर थी और टीम के हाथ में 5 विकेट भी बचे थे. लेकिन इसके बावजूद मुकाबले का रिजल्ट नहीं निकला. दोनों टीमों के बीच सहमति थी कि मुकाबला नतीजा निकलने तक खेला जाएगा जिसके चलते यह मैच 3 मार्च को शुरू हुआ मैच 14 मार्च तक पहुंच गया. लेकिन जब इंग्लैंड जीत की दहलीज र खड़ा था तो जहाज पकड़ने की जल्‍दी में उसने मैच बीच में ही छोड़ दिया और मुकाबला बेनतीजा रहा. इस ऐतिहासिक मैच का गवाह डरबन का मैदान है. 

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