Indian Cricket Team: टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के 4 कप्तान ऐसे भी रहे जिन्हें सिर्फ 1 टेस्ट मैच में ही कप्तानी करने का मौका मिला था. इनमें से एक कप्तान मैच जीतने में भी कामयाब रहा था.
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Most Unlucky Captain Of Team India: टीम इंडिया का क्रिकेट इतिहास काफी पुराना और उतना ही शानदार रहा है. टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया अब-तक 35 खिलाड़ियों को कप्तान बना चुकी है. भारतीय टेस्ट टीम को इतना कामयाब बनाने में कई बड़े खिलाड़ी और कप्तानों का योगदान हैं. कई टेस्ट कप्तान ऐसे रहे जिनका रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा, तो कुछ कप्तान ऐसे भी थे जिन्हें कप्तानी में ज्यादा सफलता नहीं मिली. वहीं, टीम इंडिया के 4 कप्तान ऐसे भी हैं जिन्होंने सिर्फ एक ही मैच में टीम की कमान संभाली थी.
हेमू अधिकारी (Hemu Adhikari)
हेमू अधिकारी (Hemu Adhikari) का नाम भी इस लिस्ट में सबसे पहले आता है. हेमू अधिकारी को 1958-59 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का कप्तान बनाया था. इस सीरीज में भारत ने 4 कप्तान बदले थे. इस मुकाबले के बाद हेमू अधिकारी (Hemu Adhikari) को कभी भी टेस्ट में कप्तानी का मौका नहीं मिला.
पंकज रॉय (Pankaj Roy)
टीम इंडिया ने 1959 में इंग्लैंड दौरा किया था. इस दौरे पर पंकज रॉय (Pankaj Roy) को दूसरे टेस्ट मैच में कप्तानी करने का मौका मिला था. पंकज रॉय भी उन कप्तानों में शामिल हैं जिन्हें एक टेस्ट मैच में ही कप्तानी का मौका मिला था. इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम ने भारत को 8 विकेट से हराया था. ये पहला और आखिरी मौका था जब पंकज रॉय को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका मिला.
चंदू बोर्डे (Chandu Borde)
टीम इंडिया 1967-68 के दौरान इंग्लैंड दौरे पर चंदू बोर्डे (Chandu Borde) को भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका दिया गया था. ये मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था. मंसूर अली खान पटौदी की जगह चंदू बोर्डे को कप्तान बनाया गया था. इस मैच में टीम इंडिया को 146 रनों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच के बाद चंदू बोर्डे को फिर कभी टीम इंडिया की टेस्ट में कमान नहीं दी गई.
रवि शास्त्री (Ravi Shastri)
टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) भारतीय टीम के लिए टेस्ट में कप्तानी कर चुके हैं. 11 जनवरी 1988 में चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान रवि शास्त्री को टीम की कप्तानी करने का मौका दिया गया था. भारत ने मैच में जीत दर्ज भी थी इसके बावजूद रवि शास्त्री को इसके बाद कभी भी टेस्ट में कप्तानी का मौका नहीं मिला था.
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