वीरेंद्र सहवाग ने ऐसे दो बच्चों की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर की है, जो उनके स्कूल में क्रिकेट सीख रहे हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली: कभी अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से देश को जीत दिलाने वाले वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) अब ऐसे मिशन में जुटे हैं, जो उनके फैंस का सीना गर्व से चौड़ा कर देगी. भारत का यह पूर्व क्रिकेटर देश के लिए शहीद होने वाले जांबाजों के बेटों को क्रिकेट सिखा रहा है. वीरेंद्र सहवाग ने ऐसे दो बच्चों की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर की है, जो उनके स्कूल में क्रिकेट सीख रहे हैं.
वीरेंद्र सहवाग झज्जर में ‘सहवाग इंटरनेशनल स्कूल’ चलाते हैं, जो क्रिकेट एकेडमी भी है. वे हिंदुस्तान के दो शहीदों के बेटों को अपनी इसी एकेडमी में ट्रेनिंग दे रहे हैं. यहीं पर अर्पित सिंह और राहुल सोरेंग नाम के दो बच्चे पढ़ते हैं. ये दोनों ही बच्चे पुलवामा हमले (Pulwama Attack) में शहीद हुए दो जवानों के बेटे हैं. अर्पित सिंह के पिता शहीद राम वकील और राहुल सोरेंग के पिता विजय सोरेंग 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे.
यह भी पढ़ें: INDvsSA: दक्षिण अफ्रीका को बड़ा झटका, पुणे में गुस्सा दिखाने वाला खिलाड़ी टीम से बाहर
पुलवामा हमले के बाद वीरेंद्र सहवाग ने घोषणा कि थी कि वे शहीदों के बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखेंगे. अब वीरू उस घोषणा को हकीकत में बदल रहे हैं. उन्होंने बुधवार को दो बच्चों की तस्वीरें पोस्ट की. इसमें अर्पित सिंह बैटिंग और राहुल सोरेंग बॉलिंग करते दिख रहे हैं.
Son of Heroes !
What a privilege to be able to have these two at @SehwagSchool and have the fortune to contribute to their lives.
Batsman - Arpit Singh s/o Pulwama Shaheed Ram Vakeel &
Bowler- Rahul Soreng s/o Pulwama Shaheed Vijay Soreng.
Few things can beat this happiness ! pic.twitter.com/Z7Yl4thaHd— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 16, 2019
वीरेंद्र सहवाग ने इन तस्वीरों के साथ लिखा, ‘हीरोज के बेटे. सहवाग स्कूल में इन दोनों बच्चों का पढ़ना हमारे लिए सौभाग्य की बात है. यह किस्मत की बात है कि हम उन्हें अपनी तरफ से थोड़ा सा भी योगदान कर पा रहे हैं. कुछ ही खुशियां होंगी, जो इनसे ऊपर रखी जा सकें.’
वीरेंद्र सहवाग को इस बात के लिए खूब सराहना मिल रही है. एक प्रशंसक ने लिखा, ‘भाई जी आपके इस कार्य की सराहना करने के लिए शब्द नही है. बस ऐसे ही हीरो को तराशते रहिए.’