Moin ul Haq Stadium: बिहार में 1996 से कोई इंटरनेशनल मैच नहीं हुआ है. पटना के मोइन-उल-हक क्रिकेट स्टेडियम में पिछला इंटरनेशनल मुकाबला 1996 में हुआ था. इस मैदान पर अब तक तीन वनडे मैच हुए हैं और तीनों में ही एक टीम जिम्बाब्वे की रही है.
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Moin ul Haq Stadium: बिहार में 1996 से कोई इंटरनेशनल मैच नहीं हुआ है. पटना के मोइन-उल-हक क्रिकेट स्टेडियम में पिछला इंटरनेशनल मुकाबला 1996 में हुआ था. इस मैदान पर अब तक तीन वनडे मैच हुए हैं और तीनों में ही एक टीम जिम्बाब्वे की रही है. उसका मुकाबला दो बार केन्या और एक बार श्रीलंका से हुआ. 28 सालों से बिहार के क्रिकेट फैंस को इंटरनेशनल मैच का इंतजार है. अब लग रहा है कि यह आने वाले समय में समाप्त हो जाएगा. अगर सबकुछ ठीक रहा तो वहां के फैंस भी रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे स्टार खिलाड़ियों को देख सकते हैं.
बीसीसीआई से होगा करार
दरअसल, बिहार सरकार ने मोइन उल हक स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. राज्य कैबिनेट ने बीसीसीआई के साथ मिलकर इस स्टेडियम के पुनर्विकास और आधुनिकीकरण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है. स्टेडियम अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बन जाएगा. यहां डे-नाइट मैच और अन्य खेल आयोजन भी होंगे.
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स्टेडियम में बढ़ेंगी नई सुविधाएं
स्टेडियम में एक मानक आकार का क्रिकेट मैदान होगा. इसके अलावा यहां टेनिस, बास्केटबॉल, तैराकी, जिम और स्पा जैसी सुविधाएं भी होंगी. स्टेडियम में एक पांच सितारा होटल और छह कॉर्पोरेट बॉक्स भी होंगे. बीसीसीआई स्टेडियम के निर्माण और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि स्टेडियम देश के अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियमों के बराबर हो.
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कब शुरू होगा काम?
इस समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसके तुरंत बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, जिसे 36 महीने में पूरा किया जाएगा. निर्माण पूरा होने के बाद बीसीसीआई सात साल तक मैच और अन्य खेल गतिविधियों का आयोजन करेगा. उसके बाद लाभ राज्य सरकार के साथ साझा किया जाएगा. यह योजना बिहार में क्रिकेट को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इससे रोजगार और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.