नई दिल्ली: पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में ज्यादातर मुस्लिम खिलाड़ी ही हैं. वहां, हिन्दू खिलाड़ियों के साथ भेदभाव किया जाता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण दानिश कनेरिया हैं. दानिश कनेरिया के साथ हिन्दू होने के कारण पाकिस्तान क्रिकेट टीम में बुरा बर्ताव किया जाता था. दानिश कनेरिया खुद इस बात का खुलासा कर चुके हैं. दानिश कनेरिया समेत 7 गैर मुस्लिम खिलाड़ी पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके हैं. आइए एक नजर डालते हैं, उन क्रिकेटर्स पर जो मुस्लमान नहीं थे, फिर भी पाकिस्तान के लिए पूरे मन से क्रिकेट खेला.
दानिश कनेरिया पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की तरफ से खेल चुके आखिरी गैर मुस्लिम खिलाड़ी थे. कनेरिया ने अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज साल 2000 में किया. कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट मैच खेले और बहुत सफल भी रहे. बाद में कनेरिया को फिक्सिंग में नाम आने के कारण पाकिस्तान की टीम से हटा दिया गया. दानिश कनेरिया पाकिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा 261 टेस्ट विकेट लेने वाले स्पिन गेंदबाज हैं. अब्दुल कादिर, सकलैन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद पाकिस्तान क्रिकेट में दानिश कनेरिया से बड़े नाम माने जाते हैं, लेकिन ये सभी दिग्गज टेस्ट विकेट लेने के मामले में 61 मैच खेलने वाले कनेरिया से पीछे हैं.
बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार रहे यूसुफ योहाना ने पाकिस्तानी टीम के लिए 90 टेस्ट मैच खेले हैं. यूसुफ ने 1998 में अपने करियर का आगाज किया था, जो पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में गैर मुस्लिम खिलाड़ी के तौर पर जुड़े. यूसुफ योहाना ईसाई धर्म से थे, लेकिन 2004 में वह धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गए और उन्होंने अपना नाम मोहम्मद यूसुफ रखा.
पाकिस्तान के लिए खेल चुके पूर्व विकेटकीपर अनिल दलपत सोनवारिया दानिश कनेरिया के कजिन हैं. अनिल दलपत पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पहले हिंदू खिलाड़ी के रूप में खेले. विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अनिल दलपत ने 1984 में अपने करियर का आगाज किया. अनिल दलपत पाकिस्तान की टीम में ज्यादा सफल नहीं हो सके और महज 9 टेस्ट मैच ही खेल सके. अनिल दलपत ने अपने करियर में इन मैचों में 167 रन बनाए.
ईसाई धर्म के एंटाओ डिसुजा ने 1959 में पाकिस्तान की तरफ से क्रिकेट खेलना शुरू किया लेकिन वो अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा सके और महज 6 टेस्ट मैच ही खेल सके. वो भारत के गोवा में पैदा हुए, लेकिन पाकिस्तान और कराची की तरफ से क्रिकेट खेले. डिसूजा के पिता 1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाकर बस गए थे. पाकिस्तान के लिए उन्होंने छह टेस्ट खेले, जिसमें 17 विकेट चटकाए.
ईसाई धर्म से नाता रखने वाले डंकन शार्प ने पाकिस्तान के लिए 1959 में खेलना शुरू किया. डंकन शार्प अपने करियर को लंबा नहीं कर सके और केवल दो टेस्ट मैच ही खेल सके. एंग्लो-पाकिस्तानी डंकन अल्बर्ट शार्प ने पाकिस्तान के लिए सिर्फ तीन टेस्ट मैच खेले और उनमें 22.33 की औसत से 134 रन बनाए.
ईसाई धर्म के वालिस मैथिएज ने पाकिस्तान के लिए 1974 में करियर की शुरुआत की. मैथिएज ने पाकिस्तान के लिए 21 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 783 रन बनाए. वालिस मैथिएज पाकिस्तान की तरफ से क्रिकेट खेलने वाले पहले गैर-मुस्लिम खिलाड़ी थे.
ईसाई धर्म के सोहेल फजल ने पाकिस्तान के लिए दो वनडे मैच खेले. 1989-90 की चैम्पियंस ट्रॉफी के एक मुकाबले में सोहेल फजल ने तीन गगनचुंबी छक्के लगाकर टीम का स्कोर 250 के पार पहुंचाया था. ये मैच पाकिस्तान ने 38 रनों से जीता. इस मैच में उन्हें बैटिंग के लिए जावेद मियांदाद से पहले भेजा गया था.
ट्रेन्डिंग फोटोज़