दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने शेन वॉर्न के अचानक चले जाने पर कुछ ऐसा कह दिया है जिसकी वजह से वो क्रिकेट फैंस के निशाने पर हैं. उनके एक बयान से सनसनी मच गई है.
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नई दिल्ली: दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न का हाल ही में हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया. वॉर्न 52 साल की उम्र में ही दुनिया से अलविदा कह गए. वॉर्न के अचानक चले जाने से पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. दुनियाभर के क्रिकेटर्स वॉर्न के अचानक चले जाने का दुख वयक्त कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने वॉर्न के अचानक चले जाने पर कुछ ऐसा कह दिया है जिसकी वजह से वो क्रिकेट फैंस के निशाने पर हैं.
शेन वॉर्न के अचानक चले जाने से क्रिकेट जगत बेहद परेशान है. लेकिन इसी बीच गावस्कर के एक बयान से बवाल मच गया है. गावस्कर ने वॉर्न के जाने पर एक चैनल से बातचीत में कहा, 'वह हमेशा अपना जीवन खुल कर जीते थे. हमेशा मुझसे पूछते थे कि आप शाम को क्या कर रहे हैं? चलो एक साथ भोजन करें या ऐसा ही कुछ करें. वह हमेशा पूरी तरह से राजा की तरह जीवन जीते थे और उसने ऐसा किया और शायद इसलिए ही उन्होंने जीवन को इस तरह से जिया है. शायद यही कारण है कि उनका दिल इसे झेल नहीं सका और उनका इतनी जल्दी निधन हो गया.'
शेन वॉर्न की अचानक मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है. वॉर्न 52 साल के थे. वॉर्न का मृत शरीर उनके विला में पाया गया था. डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की लाख कोशिश की थी, लेकिन वो उन्हें बचा नहीं पाए. पीटीआई के मुताबिक वॉर्न अपनी मौत के समय थाईलैंड में थे. वॉर्न का अचानक चला जाना पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा झटका है.
शेन वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 300 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं और उन्हें दुनिया का महानतम लेग स्पिनर कहा जाता है. उनकी गेंदबाजी के आगे दिग्गज बल्लेबाज भी पानी भरते थे. हालांकि, ये बात अलग है कि सचिन तेंदुलकर के आगे वो ज्यादा असरदार नहीं रहे. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 708 विकेट हैं. वहीं वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने 293 विकेट लिए हैं. इसके अलावा वो IPL सीजन वन का खिताब जीतने वाले कप्तान रहे हैं. उन्होंने राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल की पहली ट्रॉफी दिलाई थी.
शेन वार्न के नाम पर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खिताब जीतने वाला पहले कप्तान होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. आईपीएल-2008 में ज्यादातर अंजान चेहरों से घिरी राजस्थान रॉयल्स टीम को किसी ने खिताब जीतने लायक नहीं माना. ऐसे में टीम के चैंपियन बनने के लिए वार्न की रणनीतियों को ही जिम्मेदार माना जाता है.