R Ashwin Statement: चेन्नई टेस्ट में बांग्लादेश के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने वाले स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने नाबाद शतक जड़ने के बाद कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए तैयार की गई लाल मिट्टी की पिच पर उन्होंने जानबूझकर आक्रामक बल्लेबाजी की. रविचंद्रन अश्विन की यह रणनीति कारगर रही.
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R Ashwin Statement: चेन्नई टेस्ट में बांग्लादेश के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने वाले स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने नाबाद शतक जड़ने के बाद कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए तैयार की गई लाल मिट्टी की पिच पर उन्होंने जानबूझकर आक्रामक बल्लेबाजी की. रविचंद्रन अश्विन की यह रणनीति कारगर रही और इसकी बदौलत वह घरेलू दर्शकों के सामने शानदार शतक लगाकर भारत को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने में सफल रहे. रविचंद्रन अश्विन ने कहा, ‘यह चेन्नई की पुरानी पिच है जिसमें थोड़ा उछाल है. लाल मिट्टी की पिच पर आप अगर लाइन में आकर शॉट खेलने के इच्छुक हो तो आप कुछ शॉट खेल सकते हो.’
चेन्नई के विकेट को लेकर ये क्या बोल गए अश्विन
रविचंद्रन अश्विन ने कहा, ‘निश्चित रूप से मैं हमेशा से ही अपने बल्ले को ऑफ स्टंप के बाहर घुमाता रहा हूं. मैंने कुछ चीजों पर काम किया और इस तरह की पिच पर अगर आपको गेंद पर शॉट लगाने है तो ऋषभ पंत की तरह आक्रामक बल्लेबाजी करनी चाहिए.’ ऋषभ पंत ने 39 गेंद में 52 रन बनाकर अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन लूज स्ट्रोक पर आउट हो गए. भारत ने टॉप चार बल्लेबाज 96 रन के अंदर गंवा दिए थे. इसके बाद अश्विन ने बांग्लादेश के गेंदबाजों पर दबदबा बनाते हुए 112 गेंद में शतक जड़कर नाबाद 102 रन और रविंद्र जडेजा (नाबाद 86 रन) के साथ नाबाद साझेदारी बनाई.
अश्विन ने खोला बड़ा राज
अश्विन ने अपने शानदार प्रदर्शन का श्रेय तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में अपने हालिया प्रदर्शन को दिया जहां उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर काम किया. अश्विन ने कहा, ‘मैं टी20 टूर्नामेंट खेलकर यहां आया हूं जिससे मदद मिली. मैंने अपनी बल्लेबाजी पर काम किया.’ इस मैदान पर अपना दूसरा शतक जड़ने वाले अश्विन ने कहा, ‘घरेलू दर्शकों के सामने खेलना हमेशा विशेष अहसास होता है. मैं इस मैदान पर क्रिकेट खेलना पसंद करता हूं. इसने मुझे कई शानदार यादें दी हैं.’
जडेजा पर दिया बड़ा बयान
अश्विन ने पारी के चुनौतीपूर्ण चरण में अपने साथी जडेजा के सहयोग की बात स्वीकारते हुए कहा, ‘जडेजा ने सच में काफी मदद की. ऐसा भी समय था जब पसीना बह रहा था और मैं थोड़ा थक गया था. पर जड्डू ने तुरंत इसे महसूस किया और मेरा मार्गदर्शन किया. जड्डू पिछले कुछ वर्षों में टीम के लिए हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. उनकी मौजूदगी राहत भरी थी, क्योंकि उन्होंने सलाह दी कि हमें दो को तीन रन में नहीं बदलना है जो मेरे लिए सच में मददगार रहा.’