रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) अभी टीम इंडिया के नंबर एक स्पिनर हैं और उनकी घातक गेंदबाजी के सभी दीवाने हैं. जब से अश्विन ने टीम में जगह पक्की की है. तब से एक स्टार खिलाड़ी का टीम में खेलना मुश्किल हो गया था. जब इस खिलाड़ी को इंटरनेशनल क्रिकेट में मौका नहीं मिला, तो इसने संन्यास ले लिया.
Trending Photos
नई दिल्ली: भारत के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अपनी घातक गेंदबाजी के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. उनकी तूफानी गेंदबाजी के सभी कायल हैं. अभी टेस्ट क्रिकेट में वह भारत के नंबर एक गेंदबाज हैं. उनकी गेंदों को टर्न कराने की कला से सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं. हाल में ही में अश्विन ने टी20 क्रिकेट में भी वापसी की है. अश्विन की वजह से इस खिलाड़ी को धोनी ने भी बाहर का रास्ता दिखाया था. जब 6 साल तक इस प्लेयर को मौका नहीं मिला, तो इस खिलाड़ी ने मजबूर होकर संन्यास ले लिया.
भारत के जादुई ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. जब अश्विन भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने थे तब हरभजन सिंह टीम के नियमित गेंदबाज थे, लेकिन धोनी ने अश्विन को ज्यादा मौके दिए. हरभजन को नजरअंदाज किया जाने लगा. भज्जी को टी20 टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. टीम इंडिया के स्टार स्पिनर हरभजन सिंह अपनी जादुई गेंदों के लिए जाने जाते हैं. हरभजन सिंह ने अपना आखिरी मैच 6 साल पहले 2016 में यूएई के खिलाफ खेला था, लेकिन जब खेलने का मौका नहीं मिला, तो हरभजन सिंह ने 24 दिसंबर 2021 को संन्यास की घोषणा कर दी. उनकी जगह टीम इंडिया में आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कई युवा क्रिकेटर्स ने ले ली. रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली है. ऐसे में उनकी टीम में वापसी मुश्किल नजर आ रही थी. इसी वजह से उन्होंने संन्यास ले लिया था.
हरभजन सिंह भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने पहले गेंदबाज हैं. उन्होंने ये कारनामा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था. हरभजन की टर्न लेती गेंदों को खेलना किसी के लिए भी आसान नहीं था. वह भारत की 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे. उनके फैंस उन्हें टर्बनेटर के नाम से बुलाते थे. उनकी लेग स्पिनर अनिल कुंबले के साथ धमाकेदार जोड़ी जमती थी, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी अपनी कप्तानी में आर. अश्विन को मौका देने लगे. उसके बाद सेलेक्टर्स भी उन्हें नजरअंदाज करने लगे.
हरभजन सिंह 41 साल के हो चुके थे, वहीं, उनकी गेंदों में वह जादू नहीं बचा था, जिसके लिए वह जाने जाते हैं. उनकी उम्र का असर उनके फॉर्म पर भी दिखने लगा था, जिससे वह विकेट झटकने के लिए तरसने लगे थे. नए बने कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और हरभजन मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) से एक साथ खेले हैं. 2017 तक हरभजन मुंबई की टीम का हिस्सा रहे हैं.
हरभजन सिंह ने टीम इंडिया के लिए 103 टेस्ट मैच खेले हैं. उनके नाम 417 विकेट दर्ज है. वनडे में उन्होंने 236 मैचों में 269 विकेट लिए हैं. टी-20 में भज्जी ने भारत के लिए 28 मुकाबले खेले हैं. इनमें उन्होंने 25 विकेट झटके हैं. 2016 में हरभजन ने यूएई के खिलाफ एशिया कप में अपना आखिरी टी-20 मैच खेला था. IPL में हरभजन के नाम 163 मैच में 150 विकेट दर्ज है. IPL में वह मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेल चुके हैं. 41 साल के हरभजन इस IPL सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा थे. हालांकि, IPL 2021 के दूसरे फेज में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. हरभजन ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2016 में खेला था.