भारतीय टीम ने आज (2 अप्रैल) के दिन ही अपना दूसरा वर्ल्ड कप जीता था. महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का लगाकर भारतीय टीम को दूसरा वर्ल्ड कप दिलाया था.
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नई दिल्ली: भारतीय टीम ने आज (2 अप्रैल) के दिन ही अपना दूसरा वर्ल्ड कप जीता था. महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का लगाकर भारतीय टीम को दूसरा वर्ल्ड कप दिलाया था. 11 साल बाद भारत के सुपरस्टार बल्लेबाज विराट कोहली एक बड़ा राज खोला है.
विराट कोहली ने 2011 वर्ल्ड कप में कई मैच जिताऊ पारियां खेली थी. कोहली ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के जल्दी आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में जबर्दस्त दबाव था. मैच में श्रीलंका के 274 रनों का पीछा करते हुए, सहवाग बिना खाता खोले आउट हुए, जबकि तेंदुलकर केवल 18 रन पर लसिथ मलिंगा की गेंद पर विकेटकीपर कुमार संगकारा को कैच दे बैठे.
कोहली ने शनिवार को आरसीबी बोल्ड डायरीज को बताया, 'मुझे बल्लेबाजी करने का दबाव याद है. 20 रन पर 2 विकेट हो चुके थे, सचिन और सहवाग दोनों आउट हो गए. मैं मैदान पर जा रहा था, सचिन पाजी ने मेरे साथ एक संक्षिप्त बातचीत की जब मैं अंदर गया. मेरे और गौतम गंभीर के बीच 90 रन की साझेदारी बनी. मैंने 35 रन बनाए थे, शायद सबसे मूल्यवान 35 रन, जो मैंने अपने क्रिकेट करियर में बनाए हैं. कोहली ने कहा, 'मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं टीम को पटरी पर लाने का एक हिस्सा था और मैं जो कुछ भी कर सकता था उसमें योगदान दिया और विश्व कप जीतने का रोमांच अविश्वसनीय था. यह कुछ ऐसा है जो अब भी हमारे दिमाग में ताजा है.
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रन बनाए थे. इसके बाद बैटिंग करने उतरी भारतीय टीम को पहले ही ओवर में लसिथ मलिंगा ने तगड़ा झटका दिया. उसके बाद सचिन तेंदुलकर भी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए. उन्होंने 18 रन बनाए. उसके बाद गौतम गंभीर ने पहले विराट कोहली और बाद में धोनी के साथ टीम इंडिया को जीत दिलाई. उन्होंने 122 गेंदों में क्लासिक 97 रनों की पारी खेली. उनकी पारी आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है.
युवराज सिंह ने वर्ल्ड कप 2011 में कातिलाना गेंदबाजी और धाकड़ बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया था. उन्होंने टूर्नामेंट में 362 रन और 15 विकेट हासिल किए थे. इसी वजह से उन्हें मैन ऑफ सीरीज का अवॉर्ड मिला था. उन्होंने वर्ल्ड कप में कई शानदार पारियां खेली थी.