आइए जानते हैं वनडे की उन सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय पारियों के बारे में जिसने महेंद्र सिंह धोनी को एक नई पहचान दी.
2011 विश्व कप एक ऐसा ऐतिहासिक लमहा था जिसे कोई भी भारतीय प्रशंसक नहीं भूलेगा. क्योंकि वो कप्तान धोनी ही थे जिनके कारण भारत ने 28 साल बाद विश्व कप जीता था. इस मैच में धोनी 91 रन बनाकर नॉट आउट रहे थे.
2005 में पाकिस्तान के खिलाफ इसी मैच से धोनी के दिग्गज बल्लेबाज बनने का सफर शुरू हुआ था. सचिन के जल्दी आउट होने के चलते धोनी ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी. इस दौरान विरेंद्र सहवाग और धोनी ने पाकिस्तान टीम की गेंदों पर कई बाउंड्री मारी. इस दौरान धोनी ने 88 रन बनाकर मैच को भारत के नाम कर दिया था.
भारत इस मैच में 299 के आंकड़े का पीछा कर रहा था. इस बार भी सचिन के जल्द आउट होने के बाद धोनी को तीसरे नंबर पर भेजा गया था. इस मैच में उन्होंने 145 गेंदों में 183 रन बनाए थे और मैच को अपने नाम दर्ज किया था. बता दें कि एक विकेटकीपर-बल्लेबाज द्वारा बनाए जाने वाले सबसे ज्यादा रन थे.
5 मैच की सीरीज में पाकिस्तान और भारत के नाम 1-1 मैच दर्ज हुआ था. इस मैच में धोनी ने युवराज सिंह के साथ बल्लेबाजी कर पाकिस्तान को धूल चटा दी. धोनी ने 46 गेंदों में 72 रन बनाए थे. जिसके बाद से ही लोग उन्हें फिनिश किंग के नाम से जानने लगे थे.
चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ हुए इस मैच में माही ने 113 रन बनाकर मैच को अपने नाम कर लिया था. हालांकि शुरुआत में भारत ने मात्र 29 रन बनाकर 5 विकेट गवां दिए थे. लेकिन धोनी और अश्विन की शानदार पारी ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया.
क्लिंट मैकके ने जल्द ही सहवाग और विराट कोहली को आउट कर मैच से बाहर कर दिया था. इस मैच में भारत 35 वें ओवर में 4 विकेट पर 178 रन बनाकर नाबाद था. जिसके बाद धोनी ने पारी संभालते हुए भारत को जीत दिलाई थी.
ये ट्राई-सीरीज का फाइनल था और MS धोनी ने भारत को 1 विकेट से जीत दिलाई थी.
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