कश्मीर के युवाओं को फुटबॉल से जोड़ रहा है रियल कश्मीर एफसी, घाटी में खुशी का माहौल
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कश्मीर के युवाओं को फुटबॉल से जोड़ रहा है रियल कश्मीर एफसी, घाटी में खुशी का माहौल

रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब (एफसी) की स्थापना भी उन्हीं मौकों में से एक है जब घाटी की जनता को खुशी और गर्व महसूस हुआ.

रियल कश्मीर के बनने से इन खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हुए हैं. (फोटो:IANS)

श्रीनगर: पिछले तीन दशकों में बहुत कम ही ऐसे मौके रहे हैं जब कश्मीर में आम आदमी को खुशी मिली हो. रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब (एफसी) की स्थापना भी उन्हीं मौकों में से एक है जब घाटी की जनता को खुशी और गर्व महसूस हुआ.

वर्ष 2017-18 में आई-लीग के सेकंड डिविजन का चैंम्पियन बनने के बाद इस सीजन रियल कश्मीर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खुद को फर्स्ट डिविजन खिताब की दौड़ में बनाए रखा है. वह फिलहाल, 32 अंकों के साथ तालिका में दूसरे पायदान पर काबिज है.

घाटी में 1960 के दशक के बाद से फुटबॉल बहुत लोकप्रिय रहा. स्थानीय टीमों के बीच होने वाले मुकाबले को देखने के लिए दर्शक भारी संख्या में स्टेडियम का रुख करते थे लेकिन 1980 के दशक के अंत में सशस्त्र विद्रोह ने इस खेल पर विराम लगा दिया.

ट्रांसपोर्ट, फूड सप्लाई एवं पुलिस डिपार्टमेंट जैसी स्थानीय फुटबॉल टीमें घाटी में चिर-प्रतिद्वंद्वी मानी जाती रही हैं और स्थानीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें राज्य के बाहर किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा.

रियल कश्मीर के बनने से इन खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हुए हैं. मैच के दौरान बड़ी तादाद में स्थानीय दर्शक सामजिक दूरियों को मिटाकर टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) मैदान में पहुंचते हैं. 15,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस मैदान पर रियल कश्मीर के सभी मैच खेले जाते हैं.

एक फुटबॉल प्रशंसक और कॉलेज से रिटायर हो चुके प्रिंसिपल ने कहा, "हमें हमेशा से विश्वास था कि हमारे लड़कों में फर्स्ट क्लास फुटबॉल खेलने की क्षमता है. रियल कश्मीर की स्थापना ने हमें सहीं साबित कर दिया."

अन्य लोगों का मानना है कि टीम के शानदार प्रदर्शन ने यह दर्शाया है कि मौकों की कमी के कारण वर्षो तक लड़कों की क्षमताओं का सही उपयोग नहीं हो पाया.

इस सीजन टीम के सभी मैच देखने वोल प्रशंसक शब्बीर अहमद ने कहा, "हमारे पास अपने फुटबॉल खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए कुछ नहीं था. गर्मियों के कुछ महीनों के दौरान लड़के नंगे पांव असमतल मैदानों पर फुटबॉल खेलते थे और गर्मियों के महीनों के दौरान की गई उनकी मेहनत को सभी कठोर सर्दियों में भुला देते थे."

अहमद ने कहा, "हमारे फुटबॉल खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से सभी सुविधाएं के साथ एक पेशेवर फुटबॉल टीम की स्थापना करने का यह श्रेय रियल कश्मीर एफसी के मालिकों, कोच और सबसे ज्यादा उसके खिलाड़ियों को जाता है."

स्नो लेपर्ड्स के नाम से मशहूर रियल कश्मीर की स्थापना 2016 में हुई थी. आई-लीग में भाग लेने वाला कश्मीर का यह पहला क्लब है. 2016 में टीम ने डुरंड कप में भाग लिया था और उसे जल्द ही सफलता मिली.

स्कॉटलैंड के क्बल रेंजर्स और अरबदीन से खेल चुके मुख्य कोच डेविड रोबर्टसन के मार्गदर्शन में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और 2017-18 में आई-लीग के सेकेंड डिविजन का खिताब जीतने के बाद 2018-19 सीजन में फर्स्ट डिविजन में जगह बनाई.

क्लब को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए मालिक शहामीम मेहराज और संदीप चट्टू लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं. टीम का प्रोत्साहन करने और देश में फर्स्ट क्लास फुटबॉल क्लब के मानकों पर खड़ा उतरने के लिए राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने जम्मू में हाल में हुए एक प्रदर्शनी मैच के बाद टीम को दो करोड़ रुपए का चेक दिया.

शहामीम ने कहा, "हमारे सपनों और आकांक्षाओं को अभी एक लंबा सफर तय करना है, क्योंकि हम टीम को देश और देश के बाहर की तालिकाओं में शीर्ष पर देखना चाहते हैं. हमारे कोच के प्रयासों और हमारे लड़कों द्वारा की गई कड़ी मेहनत के कारण आने वाला समय निश्चित रूप से रियल कश्मीर एफसी का है."

(इनपुट-भाषा)

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