भारतीय मुक्केबाजों सुमित कुंडू (75 किग्रा) और अनामिका स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में हार का सामना करना पड़ा है. इस टूर्नामेंट में एक खिलाड़ी ने भारत के लिए पदक पक्का कर लिया है.
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नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजों सुमित कुंडू (75 किग्रा) और अनामिका (50 किग्रा) को बुल्गारिया के सोफिया में चल रहे 73वें स्ट्रैंड्जा मेमोरियल टूर्नामेंट में अपने शुरुआती दौर के मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस टूर्नामेंट में एक खिलाड़ी ने पदक पक्का कर लिया है.
सुमित प्री क्वार्टर फाइनल में मौजूदा विश्व और यूरोपीय चैंपियन यूक्रेन के अलेक्सांद्र खेज़नियाक से 0-5 से हार गए. अनामिका बुधवार को अंतिम आठ मुकाबले में अल्जीरिया की रौमेसा बौलेम से 1-4 से हारकर बाहर हो गई. अब तक भारत की तरफ से केवल नंदिनी (81 किग्रा से अधिक) ही पदक पक्का कर पाई हैं. उन्होंने मंगलवार को क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान की वेलेरिया एक्सेनोवा को हराया था.
इस प्रतियोगिता में 36 देशों के 450 से अधिक मुक्केबाज भाग ले रहे हैं. रूस ने यूक्रेन पर गुरुवार को हमला किया. इस बारे में भारतीय दल के एक सदस्य ने पीटीआई से कहा, ‘फिलहाल सैन्य संघर्ष का असर यहां नहीं दिख रहा है. यूक्रेन के मुक्केबाजों ने कल भी अपनी स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था और वे आज भी भाग ले रहे हैं. वजन करवाने का कार्य सुबह पूरा कर लिया गया है.’
वरिंदर सिंह (60 किग्रा) रविवार को भारतीय चुनौती की शुरुआत रूस के आर्तुर सुभखानकुलोव के खिलाफ करेंगे. सुमित, लक्ष्य चाहर (86 किग्रा) और नरेंदर बेरवाल (+92 किग्रा) भी पहले दिन रिंग में उतरेंगे. साल 1950 में पहली बार आयोजित यूरोप का यह सबसे पुराना मुक्केबाजी इंटरनेशनल टूर्नामेंट 27 फरवरी तक चलेगा. टूर्नामेंट में 36 देश के 450 से अधिक मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें कजाखस्तान, इटली, रूस और फ्रांस के मुक्केबाज भी शामिल हैं. यह इस साल भारतीय मुक्केबाजों के लिए पहला टूर्नामेंट है. पिछले सत्र में भारत ने दीपक कुमार के रजत और नवीन बूरा के कांस्य पदक के रूप में दो पदक जीते.