सुशील कुमार ने इन 27 बच्चों को अपना गोल्ड किया समर्पित, कहा- जिंदगी से कीमती कुछ नहीं
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सुशील कुमार ने इन 27 बच्चों को अपना गोल्ड किया समर्पित, कहा- जिंदगी से कीमती कुछ नहीं

सुशील ने बोथा को पहले ही मिनट में पूरा पलटते हुए चार अंक लिए और इसके बाद उन्हें नीचे पटकते हुए दो और अंक हासिल कर लिए.

सुशील ने 74 किलोग्राम वर्ग में अफ्रीकी पहलवान को चित कर दिया. फोटो : पीटीआई

नई दिल्ली: भारत को यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में आठवें दिन गुरुवार को कुश्ती प्रतियोगिता में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल हुआ. भारत के दिग्गज पहलवान सुशील कुमार ने राष्ट्रमंडल खेलों में अपने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी की है. उनके अलावा, बबीता कुमारी ने रजत, राहुल अवारे ने स्वर्ण और किरण ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. सुशील ने पुरुषों की 74 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा में दक्षिण अफ्रीका के जोहानेस बोथा को 10-0 से मात देकर राष्ट्रमंडल खेलों का तीसरा स्वर्ण पदक जीता. इससे पहले, सुशील ने 2010 दिल्ली और 2014 ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे. इस जीत के साथ ही उन्होंने अपने पदकों की हैट्रिक पूरी की है. 

  1. 2010 और 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में जीते थे गोल्ड मेडल
  2. दो बार ओलंपिक पदक विजेता रह चुके हैं सुशील कुमार
  3. अफ्रीकी पहलवान को 10-0 से एक तरफा मुकाबले में हरा दिया

सुशील ने बोथा को पहले ही मिनट में पूरा पलटते हुए चार अंक लिए और इसके बाद उन्हें नीचे पटकते हुए दो और अंक हासिल कर लिए. भारतीय दिग्गज पहलवान सुशील ने बोथी को संभलने का मौका भी नहीं दिया और और एक बार फिर उन्हें पटकर चार और अंक हासिल किए और स्वर्ण पदक जीता. 

सुशील कुमार ने अपना यह गोल्ड मेडल हाल ही में हिमाचल में हादसे का शिकार हुए मृत बच्चों को समर्पित किया है. सुशील कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा- जिंदगी से ज्यादा कीमती कुछ नहीं है. तीसरी बार गोल्ड जीतना गर्व की बात है, लेकिन हिमाचल में हुए हादसे में अपनी जान गंवाने वाले बच्चों को मैं यह मेडल समर्पित करता हूं. 

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में सोमवार (9 अप्रैल) को एक निजी स्कूल की बस के एक खाई में गिरने से 27 स्कूली बच्चों सहित कुल 30 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस अधीक्षक संतोष पटयाल ने कहा कि सभी मृत बच्चों की आयु 10-12 साल के बीच थी. इसके अलावा दुर्घटना में बस चालक और दो महिला शिक्षकों की भी मौत हो गई.

पहलवान सुशील कुमार ने अपने गोल्ड मेडल को इन्हीं बच्चों को समर्पित किया है. 

सुशील कुमार ने अपनी जीत के लिए अपने कोच, माता-पिता और योग गुरु बाबा रामदेव के आशीर्वाद को क्रेडिट दिया. 

राहुल आवरे ने भी जीता गोल्ड
महाराष्ट्र के राहुल ने पुरुषों की 57 किलोग्राम स्पर्धा के फाइनल में कनाडा के स्टीवन ताकाहाशी को 15-7 से मात देकर जीत हासिल की. पहले ही मिनट में ही राहुल ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए ताकाहाशी को पटककर दो अंक हासिल किए. हालांकि, अगले ही पल राहुल को संभलने का मौका नहीं देते हुए कनाडा के पहलवान ने पूरा पलटते हुए चार अंक ले लिए. इसके बाद राहुल ने भी ताकाहाशी पर दबाव बनाया और उन्हें रोल करते हुए छह अंक ले लिए थे. कनाडा के पहलवान ने भी हार नहीं मानी और राहुल को अच्छी टक्कर देते हुए दो अंक लिए और 6-6 से बराबरी कर ली. 

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राहुल ने भी अपनी तकनीक को अपनाते हुए एक बार फिर ताकाहाशी को पकड़ा और फिर रोल करते हुए तीन और अंक हासिल करते हुए 9-6 से बढ़त ले ली. यहां राहुल को दर्द की समस्या हुई, लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए उन्होंने वापसी की और दो अंक और हासिल किए. मुकाबले की समाप्ति के लिए कुछ सेकेंड रह गए थे और एक बार फिर राहुल ने ताकाहाशी पर शिकंजा कस 15-6 से जीत हासिल कर भारत की झोली में 13वां स्वर्ण पदक डाल दिया. 

बबीता फोगाट ने जीता सिल्वर
बबीता ने महिलाओं की फ्रीस्टाइल 53 किलोग्राम स्पर्धा के फाइनल में कनाडा की डियाना वीकर ने 5-2 से मात देकर स्वर्ण पदक जीता. बबीता फाइनल मुकाबले में डियाना की तकनीक के आगे कमजोर नजर आईं. डियाना ने पहले ही भारतीय पहलवान पर दबाव बनाते हुए एक अंक हासिल किए. इसके बाद बबीता ने डियाना पर अपनी पकड़ बनाते हुए दो अंक बटोरे, लेकिन यहां जजों ने डियाना को भी दो अंक दिए और उन्होंने फिर 3-2 से बढ़त बना ली है. बबीता ने मौका हासिल करते हुए बबीता के पैर पकड़ उन्हें पलटने की कोशिश की, लेकिन यहां डियाना ने दांव मारते हुए बबीता को ही पलटकर दो और अंक हासिल किए और अंत में 5-2 से स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया और बबीता को रजत पदक से संतोष करना पड़ा. 

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किरण ने जीता ब्रॉन्ज
किरण ने महिलाओं की 76 किलोग्राम स्पर्धा के कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में मॉरिशस की कातुओस्किया परिधावेन को 10-0 से मात दी. किरण ने पहले ही परिधावेन पर शिकंजा कसते हुए 6-0 से बढ़त हासिल कर ली. इसके बाद, उन्होंने मॉरिशस की पहलवान को नीचे पटकर पलटते हुए दो अंक और हासिल किए. किरण ने तकनीक में लगातार अंक हासिल किए और परिधावेन को संभलने का भी मौका नहीं दिया और अंत में 10-0 से जीत हासिल कर कांस्य पदक जीत लिया. 

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