जूनियर बैडमिंटन में दुनिया की वर्ल्ड नंबर एक खिलाड़ी तसनीम करना चाहती हैं ऐसा, जानिए
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जूनियर बैडमिंटन में दुनिया की वर्ल्ड नंबर एक खिलाड़ी तसनीम करना चाहती हैं ऐसा, जानिए

युवा बैडमिंटन खिलाडी तसनीम मीर ताजा बीडब्ल्यूएफ जूनियर रैंकिंग के अंडर-19 वुमन्स सिंगल्स में टॉप रैंक हासिल करने वाली पहली भारतीय बन गईं हैं. अब वह सीनियर लेवल पर अच्छा करना चाहतीं हैं. 

 

file photo

नई दिल्ली:  हाल में जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी बनी तस्नीम मीर जानती हैं कि सीनियर सर्किट चुनौतियों से भरा है, पर वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के अपने लंबे समय के लक्ष्य को साकार करने के लिये प्रतिबद्ध हैं. बुधवार को गुजरात की 16 साल की तस्नीम अंडर-19 बालिका एकल में शीर्ष रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी थीं.

  1. जूनियर वर्ल्ड नंबर 1 बनीं
  2. सीनियर लेवल पर अच्छा करना चाहतीं है मीर 
  3. जीते थे तीन टूर्नामेंट

सीनियर लेवल पर अच्छा करना चाहतीं है मीर 

भारतीय खेल प्राधिकरण  द्वारा रविवार को आयोजित वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में तस्नीम ने कहा, ‘यह मेरे लिये आत्मविश्वास बढ़ाने वाला था, जिस तरह से मैं अंडर-19 में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनी, उसी तरह मैं सीनियर सर्किट में भी इसी तरह के प्रदर्शन को जारी रखना चाहती हूं.’वह सीनियर सर्किट की रैंकिंग में 602वें स्थान पर हैं. 

खेल ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट 

उन्होंने कहा, ‘मेरा लंबे समय का लक्ष्य सीनियर सर्किट में भी अपनी रैंकिंग सुधारना है ताकि मैं ओलंपिक में हिस्सा ले सकूं और भारत का प्रतिनिधित्व कर सकूं। इसलिये मेरा मुख्य लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा सीनियर टूर्नामेंट में खेलकर उनमें अच्छा प्रदर्शन करना है ताकि मेरी रैंकिंग सुधर सके.’

तसनीम ने किया बड़ा करिश्मा 

गुजरात की 16 साल की तस्नीम को पिछले साल शानदार प्रदर्शन का फायदा मिला, जिसमें उन्होंने तीन जूनियर इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीते थे, जिससे वह तीन पायदान के फायदे से जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप स्थान हासिल करने में सफल रहीं. इससे पहले यह उपलब्धि किसी भी भारतीय जूनियर महिला खिलाड़ी ने हासिल नहीं की थी जिसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल भी ऐसा नहीं कर सकीं. 

जीते थे तीन टूर्नामेंट 

तसनीम मीर ने गुवाहाटी से पीटीआई से कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकती कि मुझे इसकी उम्मीद थी. मैंने सोचा कि मैं नंबर एक नहीं बनूंगी, क्योंकि टूर्नामेंट कोविड-19 से प्रभावित हो रहे थे, लेकिन मैंने बुल्गारिया, फ्रांस और बेल्जियम में तीन टूर्नामेंट जीते थे, इसलिए मैं दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनकर काफी खुश और रोमांचित हूं. ’ लड़कों के एकल वर्ग में लक्ष्य सेन, सिरिल वर्मा और आदित्य जोशी नंबर एक खिलाड़ी बने थे. 

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