India China Military Power: चीन-भारत में हुई जंग तो किस तरफ झुकेगा पलड़ा, चौंकाने वाली जानकारी
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India China Military Power: चीन-भारत में हुई जंग तो किस तरफ झुकेगा पलड़ा, चौंकाने वाली जानकारी

India China Defense Power: अक्सर बात होती है कि अगर भारत और चीन के बीच कभी सीधी जंग हुई तो क्या होगा. इस सवाल का जवाब वैसे तो भविष्य के गर्भ में छिपा होता है. लेकिन लड़ाई के लिए साजोसामान और सैन्य कौशल को जीत या हार के लिए अहम बताया जाता है.

India China Military Power: चीन-भारत में हुई जंग तो किस तरफ झुकेगा पलड़ा, चौंकाने वाली जानकारी

India China Military Strength:  भारत के बारे में चीन की धारणा है कि दोनों देश मिलकर दुनिया को दिशा दे सकते हैं लेकिन डोकलाम, डेपसांग, डेमचोक, पैंगशो लेक, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश में वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. घुसपैठ की कोशिश करता है यह बात अलग कि उसे हमेशा निराशा हाथ लगी है. एक तरफ चीन विकास की बात करता है तो दूसरी तरफ सैन्य बजट में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी करता है. इन सबके बीच हम समझने की कोशिश करेंगे कि सैन्य मामले में चीन और भारत की ताकत कितनी है. भारतीय फौज के बारे में कहा जाता है कि संसधान जो भी हों उसका बेहतर इस्तेमाल करने में  पारंगत है. यहां सबसे पहले बात करेंगे भारत के ताकत की.

भारत-चीन की जमीनी और समुद्री  ताकत

भारत का भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 33 लाख वर्ग किमी है जिसमें स्थलीय सीमा 13, 888 किमी और कोस्ट लाइन 7000 किमी लंबी है. वहीं चीन का भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 95 लाख वर्ग किमी जिसमें स्थलीय सीमा 22,457 किमी और कोस्ट लाइन यामी समुद्री सीमा 14, 500 किमी है. अगर भारत की बात करें तो सबसे अधिक चुनौती और खतरा वर्तमान समय में चीन और पाकिस्तान से है. भारत अब तक चीन के साथ एक लड़ाई और पाकिस्तान के साथ चार लड़ाई का सामना कर चुका है.चीन और भारत के बीच टकराव की वजह हिमालयी इलाके हैं दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण मैक्मोहन लाइन से की गई है लेकिन चीन को ऐतराज रहता है. चीनी सेना को पीएलएस यानी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के नाम से जाना जाता है, जिसमें प्राचीन और आधुनिकतम तकनीक का मेल है. चीन के पास एक मजबूत सेना है जिसमें एक्टिव और रिटायर्ड सैनिक हर समय लड़ाई की भूमिका में होते हैं. सबसे पहले भारत की ताकत को समझने की जरूरत है.

भारत की सैन्य ताकत

भारत में स्टैंडिंग आर्मी यानी किसी भी समय लड़ाई में जाने वाली संख्या 14 लाख से अधिक है वहीं मदद के लिए 11 लाख से अधिक सैनिकों को रिजर्व कैटेगरी में रखा गया है. अगर टैंक की बात करें तो वह संख्या 4,614 है. सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी की संख्या 100, बख्तरबंद गाड़ियां करीब 8600, रॉकेट आर्टिलरी 960 और टोटल आर्टिलरी 2800 के करीब है.

चीन की सैन्य ताकत

चीन में स्टैंडिंग आर्मी यानी किसी भी समय लड़ाई में जाने वाली संख्या 21 लाख से अधिक है वहीं मदद के लिए 80 लाख एक लाख से अधिक सैनिकों को रिजर्व कैटेगरी में रखा गया है. अगर टैंक की बात करें तो वह संख्या साढ़े पांच हजार से अधिक है. सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी की संख्या 2700 , बख्तरबंद गाड़ियां करीब 14 हजार के करीब, रॉकेट आर्टिलरी 3140 और टोटल आर्टिलरी 7 हजार के करीब है.

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