GK: दुनिया की सबसे बड़ी मछलियों को खतरा, जानिए क्यों आधी रह गई व्हेल शार्क की संख्या
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GK: दुनिया की सबसे बड़ी मछलियों को खतरा, जानिए क्यों आधी रह गई व्हेल शार्क की संख्या

Whale Shark Population: ये समुद्री रास्ते जहां अंतरराष्ट्रीय व्यापार को आसान करते हैं, वहीं समुद्री जीवों के लिए लगातार खतरनाक साबित हो रहे हैं. समुद्री नौपरिवहन के कई कारण इनकी आबादी कम होने के लिए जिम्मेदार हैं.

GK: दुनिया की सबसे बड़ी मछलियों को खतरा, जानिए क्यों आधी रह गई व्हेल शार्क की संख्या

Whale Shark Population: महासागर हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं. आज भी दुनिया का 80 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुद्री रास्ते से ही होता है. आयात निर्यात के लिए विशाल जहाज निश्चित समुद्री रास्तों के जरिए आते-जाते हैं, क्योंकि आज भी महासागरों में हर जगह मानव नहीं पहुंच सका है.

ये समुद्री महामार्ग (Marine Highways) कहलाते हैं. इनके कारण समंदर में ऊपरी सतह पर बेखौफ होकर घूमने वाले व्हेल शार्क (Whale Sharks) जैसे जीवों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. ये बात इन पर हुई स्टडी की रिपोर्ट में सामने आई है. आइए जानते हैं क्या कहती है ये स्टडी...

कम हो रही आबादी
एक रिपोर्ट के मुताबिक ये समुद्री महामार्ग दुनिया की सबसे बड़ी मछलियों व्हेल शार्क की मौत का सबसे बड़ा कारण बनते जा रहे हैं. व्हेल शार्क इतनी बड़ी और ताकतवर होने के बाद भी इनकी आबादी पिछले 75 वर्षों में आधी रह गई है. इसी वजह से साल 2016 में व्हेल को संकटग्रस्त शार्क प्रजातियों में भी घोषित कर दिया गया.

व्हेल की संख्या कम होने की ये भी है एक वजह
खुले समुंदर में घूमने वाली  20 मीटर तक लंबी शार्क मछली उद्योगों के बेड़ों की शिकार होती हैं. हालांकि, इनके कम होने की प्रमुख वजह इसे नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि अब व्हेल शार्क के शिकार पर पाबंदी लगाई जा चुकी है. 

समंदर की सतह के ठीक नीचे रहती हैं व्हेल
रिपोर्ट के मुताबिक व्हेल शार्क अपना ज्यादातर वक्त महासागरों की सतह के ठीक नीचे बिताती हैं. इसमें वे सूक्ष्म प्राणि प्लवक के तौर पर भोजन करती हैं. यही कारण है कि व्हेल शार्क सीधे जहाजों के रास्ते में आ जाती हैं. इस तरह ये मछलियां बड़ी आसानी से बड़े-बड़े जहाजों से टकरा जाती हैं और इसके बाद उनके बचने की संभावना न के बराबर रहती है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक 60 वैज्ञानिकों की टीम ने इस पर रिसर्च करना शुरू किया कि कितनी व्हेल शार्क की मौते जहाजों से टकराने के बाद होती हैं, इसके लिए  दुनिया के 18 देशों में व्हेल शार्कों की मौत की जानकारी जुटाना शुरू किया. इस स्टडी सामने आया कि व्हेल शार्क की क्षैतिज स्थानों का 92 फीसदी और गहराई वाला 50 प्रतिशत भाग जहाजी बेड़ों की गतिविधियों से मिलता है.

सबसे व्यस्ततम समुद्री रास्ते 
वैज्ञानिकों ने पाया कि मेक्सिको की खाड़ी, अरब की खाड़ी और लाल सागर में व्हेल शार्क के टकराव का खतरा सबसे ज्यादा है,क्योंकि ये समुद्री इलाके व्हेल शार्क के घर होने के साथ ही दुनिया के सबसे बिजी मरिन हाईवे भी हैं.  

इन इलाकों में व्हेल शार्क नियमित तौर पर जहाजों के रास्ते काटा करती हैं. इस दौरान उनके स्पीड 10 गुना ज्यादा फास्ट होती है. ऐसे में वे सामने से आते हुए जहाजों को देखकर प्रतिक्रिया नहीं दे पाते हैं और उन्हें बचने का मौका नहीं मिलता.

खतरे में व्हेल शार्क प्रजाति
फिलहाल, शार्क को बचाने के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय नियामक नहीं है. व्हेल शार्क के जीवन को बहुत बड़ा खतरा है और उनकी सुरक्षित करना जरूरी है, वरना एक दिन इनका भी वजूद नहीं मिलेगा. 

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