मार्केट में देशी-विदेशी ब्रांड्स की है भरमार, लेकिन भारत के परफ्यूम कैपिटल की महक की दीवानी है दुनिया
Perfume Capital of India: एक बेहतरीन खुशबू सभी को भाती है, किसी को तेज तो किसी को भी-भीनी महक अच्छी लगती है. विदेशी ब्रांड्स की तरफ हम तेजी से अट्रैक्ट हो जाते हैं. ऐसे में आज जानिए देश की परफ्यूम कैपिटल की कहानी...
Perfume Capital of India: एक शानदार महक आपका रोम-रोम महका देती है. हम दिनभर में न जाने कितने ही लोगों से मिलते हैं, लेकिन जेहन में अक्सर लंबे वक्त तक उस व्यक्ति को याद रख पाते हैं, जिसकी इत्र की खुशबू हमें पसंद आती है. विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए सबसे लोकप्रिय खरीदारी में से एक इत्र रहा है. इन दिनों मार्केट में देशी और विदेशी परफ्यूम ब्रांड्स की भरमार है. ऐसे में आज के इस आर्टिकल में जानेंगे भारत की परफ्यूम कैपिटल (Perfume Capital of India) के बारे में...
यहां प्राकृतिक तरीके से तैयार होते हैं इत्र
लोग विदेशी ब्रांड्स की ओर तेजी से अट्रैक्ट हो रहे हैं और महंगे-महंगे परफ्यूम्स खरीदते हैं, लेकिन यह बेहद निराशाजनक है कि देश के ज्यादातर लोगों को यह नहीं जानते कि एक समय ऐसा था जब भारत के इत्र की महक दुनिया भर में छाई थी. हालांकि, आज भी ये इत्र दुनिया भर के बेहतरीन परफ्यूम्स को मात देने के काबिल हैं, लेकिन देश का सबसे पुराना इत्र कारोबार अपने पारंपरिक तरीके और जैविक सामग्रियों के साथ ब्रांडेड उत्पादों के खिलाफ खुद को फिर स्थापित करने की लड़ाई लड़ रहा है.
भारत की परफ्यूम कैपिटल
भारत की परफ्यूम कैपिटल के नाम से कन्नौज को जाना जाता है. कभी गौरवशाली शहर-राज्य होने वाली यह जगह अब उत्तर प्रदेश का हिस्सा है. आज भी यहां कुछ ऐसे अवशेष मिलते हैं, जो महाभारत के दिनों से इसका अस्तित्व दिखाते हैं.
यूपी की 'इत्र नगरी'
ऐसे ही नहीं इस शहर को इत्र नगरी' कहा जाता है. आज भी शहर की पुरानी सड़कों से गुजरते हुए आप हवा में फैली खुशबू को महसूस कर सकते है. अब भी बड़ी तादाद में शहरवासी इस पुराने व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. यहां के फूलों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर प्राकृतिक सुगंधित तेल और अर्क बनाने के अलावा साबुन, शैंपू जैसे उत्पादों के लिए इत्र से लेकर जरूरी तेल बनाने में होता है. इतना ही नहीं यहां पर इत्र दवाओं में भी इस्तेमाल किए जाते हैं.
लाखों में बिकता है यहां का इत्र
कन्नौज के इत्र निर्माता ज्यादातर प्राकृतिक चीजों से ही बेहतरीन खुशबू हासिल करने में माहिर हैं. इसके लिए कई तरह के फूल जैसे गुलाब, केवड़ा, चमेली, बेला, गेंदा, चमेली और लैवेंडर और प्राकृतिक उत्पादों जैसे वेटिवर, जड़ी-बूटियों और इलायची, लौंग, केसर, जुनिपर बेरी और जटामांसी जैसे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. यहां का इत्र 500 रुपये से लेकर लाखों रुपये में बिकता है.