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याहू की पूर्व सीईओ (Former Yahoo CEO) मारिसा मेयर (Marissa Mayer) का गूगल में सफर एक गलती से शुरू हुआ था. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद, जब वो नौकरी की तलाश में थीं, तो उन्होंने गलती से एक रिक्रूटर का ईमेल खोल दिया था, जिसे वो डिलीट करना चाहती थीं. इसी गलती की वजह से उन्हें गूगल में नौकरी मिल गई.
कईयों को छोड़ चुनी गूगल की जॉब
इस गलती की वजह से मारिसा मेयर गूगल की पहली महिला इंजीनियर और कुल मिलाकर 20वें कर्मचारी बन गईं. इसने उनके करियर में एक नया मोड़ दिया और वो एक सफल टेक्नोलॉजी लीडर बन गईं. उस समय कई बड़ी कंपनियों ने उन्हें नौकरी ऑफर की थी, लेकिन उन्होंने गूगल को चुना. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें याद आया कि उनके स्टैनफोर्ड के प्रोफेसर एरिक रॉबर्ट्स ने उन्हें लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन से मिलने की सलाह दी थी.
गूगल में नौकरी करने का फैसला मारिसा मेयर के करियर में एक नया मोड़ था. उन्होंने हमेशा ऐसे काम किए हैं जिनके लिए वो खुद को पूरी तरह तैयार नहीं महसूस करती थीं. 2011 में फॉर्च्यून के MPW कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था, 'मैंने हमेशा ऐसे काम किए हैं जिनके लिए मैं खुद को पूरी तरह तैयार नहीं महसूस करती थी.' इसी सोच के साथ, उन्होंने हमेशा अपने आस-पास बहुत ही प्रतिभाशाली लोगों को रखा. इसीलिए उन्होंने उस समय एक नई कंपनी गूगल को चुनने का फैसला किया.
फिर बनीं याहू की CEO
मारिसा मेयर ने गूगल में 13 साल तक काम किया. उसके बाद वो याहू की सीईओ बनीं. याहू में उन्होंने कई बड़े बदलाव किए. उन्होंने कंपनी के शेयर की कीमत तीन गुना बढ़ा दी और साल 2017 में वेरिज़ोन को याहू को 4.48 अरब डॉलर में बेच दिया.
इस समय मारिसा मेयर कई बड़ी कंपनियों जैसे वॉलमार्ट, एटी&टी और नेक्स्टडोर होल्डिंग्स की बोर्ड मेंबर हैं. उन्होंने खुद भी एक स्टार्टअप शुरू किया है जिसका नाम Sunshine है. यह एक AI स्टार्टअप है, जिसने 2020 में 20 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया था. यह कंपनी ऐसी तकनीक विकसित करती है जो डिजिटल एड्रेस बुक को बेहतर बनाती है और उससे सीखती है.