Google Remove Indian Apps: गूगल ने Play Store से क्यों हटाए 10 इंडियन ऐप्स, Naukri.com पर भी एक्शन
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Google Remove Indian Apps: गूगल ने Play Store से क्यों हटाए 10 इंडियन ऐप्स, Naukri.com पर भी एक्शन

Google Romove Indian Apps: गूगल ने 10 भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाना शुरू कर दिया है. गूगल का कहना है कि इन ऐप्स ने प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने की फीस नहीं दी. इसलिए इनके खिलाफ एक्शन लिया गया. हांलाकि, सरकार के दखल के बाद गूगल ने अपना फैसला वापस ले लिया. 

Google Play Store

Indian App removed by Play Store: गूगल ने 10 भारतीय कंपनियों के ऐप्स को सर्विस फीस न देने के कारण हटाना शुरू कर दिया. गूगल ने यह कदम शुक्रवार 1 मार्च को उठाया. इससे पहले गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि भारत में 10 कंपनियों, जिनमें से कुछ बहुत जानी-मानी कंपनियां शामिल हैं, ने प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने के बावजूद फीस नहीं दी है. गूगल ने कंपनियों के नाम नहीं बताए, लेकिन मैट्रिमोनियल ऐप्स हटाए गए हैं. हालांकि, गूगल के इस फैसले पर सरकार ने ऐतराज जताया. इसके बाद गूगल ने यह फैसला वापस ले लिया.

गूगल ने कहा कि "सालों से किसी भी अदालत या रेगुलेटर ने गूगल प्ले से शुल्क लेने के अधिकार को अस्वीकार नहीं किया है." कंपनी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसा करने के उनके अधिकार में "हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया".

ये ऐप्स हैं शामिल

हालांकि, रिपोर्ट्स बताती हैं कि गूगल ने Info Edge के प्रमुख ऐप्स Naukri.com और 99acres को हटा दिया है. साथ ही BharatMatrimony और Shaadi.com को भी हटाया गया है. हटाए गए अन्य ऐप्स में ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स Truly Madly और QuackQuack, स्थानीय भाषा वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Stage, बालाजी टेलीफिल्म्स का Altt और ऑडियो स्ट्रीमिंग और पॉडकास्ट ऐप Kuku FM शामिल हैं.

विवाद क्या है

विवाद इस बारे में है कि गूगल इन-ऐप पेमेंट पर 11 से 26 प्रतिशत का शुल्क लगा रहा है, जबकि एंटी-कॉम्पिटिशन बॉडी CCI ने पहले की 15 से 30 प्रतिशत शुल्क लेने वाले पुराने सिस्टम को खत्म करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इन ऐप्स के पीछे की कंपनियों को गूगल प्लेटफॉर्म शुल्क के खिलाफ उनकी लड़ाई में अंतरिम राहत नहीं दी. इसके बाद गूगल ने फीस का पेमेंट न करने वाले ऐप्स को हटा दिया.

गूगल ने क्या कहा

गूगल का कहना है कि उसने कंपनियों को तैयारी करने के लिए 3 साल से अधिक का समय दिया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीन सप्ताह भी शामिल हैं. कंपनी का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है कि उसकी नीतियों को पूरे इकोसिस्टम में समान रूप से लागू किया जाए, जैसा कि वह वैश्विक स्तर पर किसी भी प्रकार के नीति उल्लंघन के लिए करती है.

भारतीय ऐप डेवलपर्स ने क्या कहा

Info Edge के फाउंडर संजीव बिख्चंदानी ने दावा किया कि कंपनी ने समय पर सभी लंबित गूगल इनवॉइस का भुगतान किया है और उसकी नीतियों का पालन किया है. उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके ऑफिस को टैग करते हुए एक्स पर पोस्ट की. उन्होंने पोस्ट में कहा "भारतीय कंपनियां - अभी के लिए मान लेंगी. लेकिन भारत को एक ऐसे ऐप स्टोर/प्ले स्टोर की जरूरत है जो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर - जैसे UPI और ONDC का हिस्सा हो. प्रतिक्रिया रणनीतिक होनी चाहिए." भारत मैट्रिमोनी के फाउंडर मुरुगवेल जनकिरमन ने इस कदम को भारत में इंटरनेट के लिए "डार्क डे" बताया.

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