गूगल ने 2023 की शुरुआत में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकालने में अरबों डॉलर खर्च किए. रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने निकाले गए कर्मचारियों को हर्जाना और अन्य खर्चे देने में 2.1 बिलियन डॉलर खर्च किए और ये सिर्फ 2023 के आंकड़े हैं.
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कंपनियां कर्मचारियों को निकालने का सबसे बड़ा कारण बताती हैं - कॉस्ट कटिंग. लेकिन, सच तो ये है कि कम से कम शुरुआत में, उनका ये कदम खुद उन्हें ही काफी महंगा पड़ता है. इसी बात का उदाहरण गूगल भी है. हाल ही में जारी रिपोर्ट में पता चला है कि गूगल ने 2023 की शुरुआत में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकालने में अरबों डॉलर खर्च किए. रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने निकाले गए कर्मचारियों को हर्जाना और अन्य खर्चे देने में 2.1 बिलियन डॉलर खर्च किए और ये सिर्फ 2023 के आंकड़े हैं. गूगल ने 2024 की पहली महीने में कम से कम 1000 और कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी. अब तक, इसने छंटनी पर 700 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं.
जनवरी 2023 ने 12 हजार कर्मचारियों को निकाला
2023 के जनवरी में गूगल ने एक बड़ा फैसला लिया. उसने अपने लगभग 12,000 कर्मचारियों को निकाल दिया, जो उसके दुनिया भर के कर्मचारियों का लगभग 6% था. इसका मतलब है कि हर 100 कर्मचारियों में से 6 को कंपनी से जाना पड़ा. कंपनी ने ये कदम दो वजहों से उठाया: पहला, इकोनॉमिक अनसर्टेंनिटी, यानी भविष्य में आर्थिक स्थिति के बारे में स्पष्टता नहीं होना. दूसरा, अपने कामकाज को और बेहतर बनाना. गूगल का ये कदम पूरे टेक्नोलॉजी उद्योग में सुर्खियों में रहा. कई लोगों को चिंता हुई कि क्या ये किसी बड़े आर्थिक मंदी का संकेत है.
खर्च किए 2.1 बिलियन डॉलर
गूगल की हालिया रिपोर्ट बताती है कि कर्मचारियों को निकालने का कंपनी पर कितना बड़ा असर पड़ा है. कंपनी ने 2.1 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो पिछले साल की कमाई का लगभग 7% है. हालांकि विश्लेषकों को कुछ खर्चे का अंदाजा था, असल में खर्च उनकी उम्मीदों से बहुत ज़्यादा रहा. ये बताता है कि कर्मचारियों को निकालने का इंसानों पर कैसा बुरा असर पड़ता है.
फिर भी बढ़ रहा रेवेन्यू
भले ही गूगल ने काफी कर्मचारियों को निकाला, पर उसकी कमाई बढ़ती रही, हालांकि थोड़ी धीमी रफ्तार से. आखिरी तिमाही में कंपनी की कमाई 86.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले साल से 13% ज्यादा थी. पूरा साल देखें तो 2023 में कुल कमाई 307.4 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गई। पर, कंपनी की ये कमाई विश्लेषकों की उम्मीदों से कम रही. ये दिखाता है कि आज के आर्थिक हालात में गूगल को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.