2.9 करोड़ भारतीयों का निजी डेटा डार्क वेब पर लीक, नौकरी ढूंढने वालों को बनाया निशाना
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2.9 करोड़ भारतीयों का निजी डेटा डार्क वेब पर लीक, नौकरी ढूंढने वालों को बनाया निशाना

अगर आप भी इंटरनेट पर नौकरी ढूंढ रहे हैं तो ये खबर निश्चित तौर पर आपके काम की है. 2.9 करोड़ भारतीयों के व्यक्तिगत डेटा को फ्री में डार्क वेब पर लीक कर दिया गया है. जहां से इसे कोई भी डाउनलोड कर सकता है. 

 2.9 करोड़ भारतीयों के व्यक्तिगत डेटा डार्क वेब पर लीक

नई दिल्ली: इंटरनेट पर काम करना जितना सरल है उतना ही खतरनाक भी. इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों को हमेशा ही साइबर क्राइम का खतरा बना होता है. अगर आप भी इंटरनेट पर नौकरी ढूंढ रहे हैं तो ये खबर निश्चित तौर पर आपके काम की है. शनिवार को एक ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म ने एक बड़े साइबर क्राइम का खुलासा किया, जिसमें 2.9 करोड़ भारतीयों के व्यक्तिगत डेटा को फ्री में डार्क वेब पर लीक कर दिया गया है. जहां से इसे कोई भी ऐक्सेस या डाउनलोड कर सकता है. 

  1.  2.9 करोड़ भारतीयों के व्यक्तिगत डेटा लीक
  2. डार्क वेब पर लीक की गईं निजी जानकारियां
  3. इस ब्रीच में संवेदनशील जानकारी जैसे ईमेल, फोन नंबर, घर का पता, शैक्षिक योग्यता, कार्य का अनुभव आदि शामिल हैं

cyble नाम की फर्म ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा- 'नौकरी ढूंढने वाले 2.9 करोड़ भारतीयों का व्यक्तिगत डेटा फ्री में डीपवेब में लीक हो गया. हम आमतौर पर इस तरह के लीक हमेशा देखते हैं, लेकिन इस बार, मैसेज हेडर ने हमारा ध्यान अपनी तरफ खींचा क्योंकि यहां बहुत सारा पर्सनल डेटा मौजूद है जहां शिक्षा और पता जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल हैं.'

इस फर्म ने हाल ही में फेसबुक और सिकोइया द्वारा वित्त पोषित भारतीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म Unacademy की हैकिंग के बारे में खुलासा किया था. इस ब्रीच में संवेदनशील जानकारी जैसे ईमेल, फोन नंबर, घर का पता, शैक्षिक योग्यता, कार्य का अनुभव आदि शामिल हैं.

ब्लॉग पोस्ट ने 2.3 जीबी बड़ी एक फाइल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है जिसे एक हैकिंग फोरम पर पोस्ट किया गया था.  ब्लॉग में आगे कहा गया है- 'ऐसा लगता है कि ये दानकारी रिज्यूम एग्रीगेटर से निकली है, जिसमें ढेेर सारी विस्तृत जानकारी है. नई जानकारी मिलने पर हम इस लेख को अपडेट करेंगे.'

cyble द्वारा पोस्ट किए गए स्क्रीनशॉट पर भारत की कुछ प्रमुख जॉब वेबसाइट्स के नाम के फोल्डर्स भी दिखाई दिए, लेकिन कंपनी स्वतंत्र रूप से लीक के स्रोत की जांच कर रही है. साइबर अपराधी इन निजी जानकारियों का इस्तेमाल विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में करते हैं जैसे- चोरी, घोटाले, और कॉर्पोरेट जासूसी.

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