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Koo App के चाइनीज कनेक्‍शन के दावे में कितना सच? जानिए क्या है पूरा मामला

ट्विटर का देसी वर्जन Koo App इन दिनों चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) समेत कई बड़े नेता इस ऐप (App) का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्‍या Koo App सुरक्षित है?  दरअसल, एक फ्रेंच सिक्‍योरिटी रिसर्चर ने ये जानकारी दी है कि ये ऐप सेफ (Safe) नहीं है और इससे यूजर्स के पर्सनल डेटा (Personal Data) के लीक (Leak) होने का खतरा है. 

लीक हो रहा पर्सनल डेटा

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लीक हो रहा पर्सनल डेटा

इस ऐप में यूजर्स की ई-मेल आईडी, फोन नंबर डेट ऑफ बर्थ जैसा डेटा होता है जिसे लेकर कहा गया है कि ये डेटा लीक हो सकता है. फ्रेंच साइबर सिक्‍योरिटी रिसर्चर Robert Baptiste जिन्‍हें ट्विटर पर  Elliot Alderson के नाम से जाना जाता है, उन्‍होंने इस ऐप पर रिसर्च की है. रॉबर्ट ने अपनी रिसर्च में पाया कि Koo App सुरक्षित नहीं है. 

सिक्‍योरिटी से जुड़ी कमियां

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सिक्‍योरिटी से जुड़ी कमियां

इससे पहले भी Robert Baptiste ने आधार सिस्‍टम की कमियों का खुलासा किया था. Koo App को लेकर रॉबर्ट ने कहा है कि इसमें सिक्‍योरिटी से जुड़ी कई कमियां हैं. उन्‍होंने इसे लेकर अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैंने 30 मिनट इस ऐप पर गुजारे हैं. ये ऐप यूजर्स के पर्सनल डेटा को लीक कर रहा है. इनमें ईमेल, डेट ऑफ बर्थ, नाम मैरिटल स्‍टेटस और जेंडर जैसी जानकारियां शामिल हैं.'

ऐप का चाइनीज कनेक्‍शन

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ऐप का चाइनीज कनेक्‍शन

रॉबर्ट ने अपने ट्वीट में कई स्‍क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं. रॉबर्ट का कहना है कि इसमें भारत के हजारों यूजर्स का डेटा इसके जरिए लीक हो चुका है और इसमें भारत सरकार के कुछ विभागों और मंत्रियों का डेटा भी शामिल है. Robert Baptiste ने कहा कि Koo App का चीन (China) से कनेक्‍शन हो सकता है. लेकिन फिलहाल इस बारे में उनके पास ज्‍यादा जानकारी नहीं है. Robert Baptiste के मुताबिक, डोमेन से ऐसे संकेत मिलते हैं कि इसका चीन से कनेक्‍शन हो सकता है. इस डोमेन को चार साल पहले बनाया गया था और उसके बाद यह कई लोगों के पास जा चुका है. कुछ समय पहले ये Bominate Technology Private Limited के पास था. 

फाउंडर ने कही ये बात

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फाउंडर ने कही ये बात

रॉबर्ट का कहना है कि इसका चीनी कनेक्‍शन हो सकता है क्‍योंकि इसमें Shunwei का इंवेस्टमेंट है. हालांकि ये निवेश छोटा है लेकिन, Shunwei, शाओमी के साथ कनेक्‍टेड एक वेंचर कैपिटल फंड है, जो स्टार्ट अप्स में निवेश करता है.हालांकि Koo के फाउंडर का कहना है कि ये ऐप इंडिया रजिस्टर्ड कंपनी है जिसके फाउंडर्स भारतीय हैं.  इसके सह-संस्थापक Aprameya Radhakrishna ने कहा है कि ट्विटर पर Koo App का आधिकारिक खाता @kooindia पर है. उन्होंने ट्वीट किया, “#kooapp का आधिकारिक खाता @kooindia है. कृपया ध्यान दें.”

कई मंत्री कर रहे ऐप का इस्‍तेमाल

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कई मंत्री कर रहे ऐप का इस्‍तेमाल

ट्विटर और सरकार के बीच 257 खातों को ब्लॉक करने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo को जॉइन कर लिया. गोयल के अलावा रविशंकर प्रसाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव भी Koo App का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. 

 

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