केंद्रीय बैंक डेटा लीक मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता. Mobikwik को CERT-IN (Indian Computer Emergency Response Team) से मान्यता प्राप्त एजेंसी से तत्काल जांच कराने को कहा गया है. RBI डेटा लीक को काफी गंभीरता से ले रहा है.
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नई दिल्ली: ऑनलाइन पेमेंट के लिए पॉपुलर Mobikwik ऐप से यूजर्स का डेटा लीक मामला अब तूल पकड़ने लगा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने करोड़ों यूजर्स की जानकारी लीक मामले में संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं.
बिजनेस टुडे के मुताबिक RBI ने Mobikwik को तत्काल फॉरेंसिक ऑडिट करवाने का आदेश दिया है. केंद्रीय बैंक ने 35 करोड़ यूजर्स के डेटा लीक मामले को काफी गंभीरता से लिया है. Mobikwik को किसी Certified Auditor से तत्काल जांच कराने और रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए RBI और Mobikwik ने कमेंट करने से मना कर दिया है.
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय बैंक डेटा लीक मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता. Mobikwik को CERT-IN (Indian Computer Emergency Response Team) से मान्यता प्राप्त एजेंसी से तत्काल जांच कराने को कहा गया है. RBI डेटा लीक को काफी गंभीरता से ले रहा है.
35 लाख लोगों का डेटा लीक का है दावा
बताते चलें कि हाल ही में साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर Rajshekhar Rajaharia ने Mobikwik में हुए डेटा लीक का खुलासा किया था. फ्रांस के सिक्योरिटी एक्सपर्ट Robert Baptiste ने भी इस लीक की पुष्टि की है. राजशेखर का दावा है कि ऑनलाइन पेमेंट ऐप Mobikwik के सर्वर से लगभग 35 लाख लोगों की निजी जानकारी लीक हो गई है.
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जानकारी के मुताबिक Mobikwik यूज करने वाले लगभग 35 लाख लोगों का ईमेल एड्रेस, फोन नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल, कार्ड डिटेल और पासवर्ड चोरी हुआ है. हालांकि हैकिंग की इस खबर पर Mobikwik ने सफाई दी है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई.
साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर Rajshekhar Rajaharia का दावा है कि लगभग 11 करोड़ भारतीयों के क्रेडिट/डेबिट कार्ड डिटेल लीक हो चुके हैं. इसमें ग्राहकों के KYC की सॉफ्ट कॉपी और PAN Card और Aadhaar Card की जानकारी भी शामिल है. Rajaharia का कहना है कि यूजर्स का डेटा डार्क वेब (Dark Web) में 1.5 Bitcoin में आसानी से खरीदा जा सकता है.